
डीएम ने की भू-अर्जन मामलों की समीक्षा; कार्यकारी एजेंसियों को तत्परता से योजनाओं का क्रियान्वयन करने का दिया निदेश
योजनाओं में अच्छी प्रगति, स्थानीय प्रशासन द्वारा आ रही छोटी-छोटी समस्याओं का ससमय समाधान किया जा रहा हैः डीएम
पटना, मंगलवार, दिनांक 19.09.2023ः समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में भू-अर्जन मामलों में प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने पटना मेट्रो, भारतमाला परियोजना तथा दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माण में प्रगति की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में अच्छी प्रगति है। आ रही समस्याओं को स्थानीय प्रशासन द्वारा विशेष रूचि लेकर दूर की गयी है। उन्होंने आवश्यकतानुसार कैम्प लगाकर परियोजनाओं का तत्परता से क्रियान्वयन करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने आवेदन सृजन तथा मुआवजा भुगतान में तेजी लाने का निदेश दिया। उन्होंने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को इसका अनुश्रवण करने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि सम्बद्ध अधिकारीगण एवं कार्यकारी एजेंसी समयबद्ध ढंग से गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन करें।
- भारतमाला अन्तर्गत एनएच-119डी आमस-रामनगर खंड परियोजनाः जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि इस परियोजना अतर्गत काफी अच्छी प्रगति है। प्रशासन द्वारा सभी समस्या का समाधान कर अधियाची विभाग को फिजिकल पॉजेशन दे दिया गया है। फतुहा एवं धनरुआ अंचल के 12 मौजा में सरकारी भूमि सहित दखल-कब्जा का रकवा 221.6268 एकड़ है। 373 रैयतों के बीच 52.677 करोड़ रूपया का मुआवजा भुगतान किया गया है। प्रावधानों के अनुसार 25.3424 करोड़ रूपया की राशि विशेष भू-अर्जन न्यायाधीश, पटना के न्यायालय में जमा की गयी है। स्थानीय प्रशासन द्वारा दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर सीमांकन सहित हर तरह का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। एजेंसी जब चाहे काम शुरू कर सकती है। एजेंसी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि 15 अक्टूबर से विधिवत रूप से कार्य प्रारंभ किया जाएगा। डीएम ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एजेंसी को हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा।
- पटना मेट्रो परियोजनाः

पटना मेट्रो रेल डिपो निर्माण हेतु रानीपुर तथा पहाड़ी मौजा में कुल 82 खेसरा में अर्जित रकवा 75.945 एकड़ है। कुल 110 रैयतों के बीच 130.03 करोड़ रूपया की राशि का भुगतान किया गया है। मौजा पहाड़ी तथा मौजा रानीपुर में लगभग 352 आवेदनों को जाँच हेतु अंचलाधिकारी, पटना सदर को भेजा गया है जिसमें 82 आवेदनों का ही जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है। जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी तथा भूमि सुधार उप समाहतार्, पटना सदर को विशेष अभियान चला कर रोस्टर के अनुसार परसों से प्रतिदिन मौजावार शिविर लगाते हुए 15 दिन के अंदर लंबित आवेदनों का जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया ताकि इसके आलोक में मुआवजा भुगतान की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने अपर समाहर्ता को इसका नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।
जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि न्यू आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन के लिए पहाड़ी मौजा में मुआवजा भुगतान में काफी अच्छी प्रगति है। 35.08 करोड़ रूपया की कुल प्राक्कलित राशि में से रैयतों को 32.62 करोड़ रूपया का भुगतान कर दिया गया है। डीएम ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी उपलब्धि है। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के परियोजना निदेशक सहित हमारे सभी संलग्न पदाधिकारी तथा कर्मी बधाई के पात्र हैं।
- दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर निर्माणः इस परियोजना अतंर्गत कुल 21 मौजा है जिसमें दानापुर अंचल में 09 मौजा तथा बिहटा अंचल में 12 मौजा है। कुल अर्जनाधीन भूमि का रकवा 64.02 एकड़ तथा कुल पंचाट की संख्या 775 है। अभी तक 178 रैयतों के बीच 33.42 करोड़ रूपया की राशि का भुगतान कर दिया गया है। समीक्षा में जिलाधिकारी ने पाया कि 9.18 एकड़ बकास्त भूमि के रैयतीकरण के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर तथा अंचल अधिकारी, बिहटा एवं दानापुर द्वारा कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गयी है जबकि जनवरी में ही आयोजित बैठक में इन अधिकारियों को इसके लिए निदेशित किया गया था। उसके बाद भी अनेक बार मौखिक तथा लिखित तौर पर उन्हें स्मारित किया गया। हर बैठक में भी इस मामले में प्रगति लाने के लिए तीनों अधिकारियों को निदेशित किया जाता रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि फिर भी भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा इस कार्य में अपेक्षित रूचि प्रदर्शित नहीं की गयी तथा दोनों अंचलाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई हेतु भी कोई अनुशंसा भी नहीं की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि यह आपतिजनक है। जनहित के इतने महत्वपूर्ण मामले में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर द्वारा शेरपुर-दिघवारा परियोजना में भी निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा भूमि सुधार उप समाहर्ता, दानापुर; अंचल अधिकारी, बिहटा एवं अंचल अधिकारी, दानापुर के विरूद्ध कारण-पृच्छा करते हुए 24 घंटे में इस आशय का स्पष्टीकरण समर्पित करने का निदेश दिया गया कि क्यों नहीं कार्य में अभिरूचि के अभाव में आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने अपर समाहर्ता, पटना को तीनों अधिकारियों के विरूद्ध दो दिन के अंदर प्रपत्र ‘क’ गठित कर विभाग को भेजने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में शिथिलता स्वीकार्य नहीं है।

जिलाधिकारी द्वारा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को इस परियोजना में मुआवजा भुगतान में तेजी लाने का निदेश दिया गया। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया कि पूर्व में एक नोटिस निर्गत किया था तथा तीन दिनों के लिए शिविर का आयोजन किया गया था। डीएम द्वारा फिर से दूसरा नोटिस निकालने तथा शिविर लगाने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि ग्रामवार रैयतों की संख्या के अनुसार रोस्टर का निर्धारण करते हुए अपेक्षाकृत लंबा शिविर (लगभग एक सप्ताह) का आयोजन करें। शिविर का वृहद-स्तर पर प्रचार-प्रसार करें ताकि आम जनता इसका अधिक से अधिक फायदा उठा सके। शिविरों में अंचल, भू-अर्जन तथा अधियाची विभाग के भी प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी भी शिविरों के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि मुआवजा भुगतान के बाद शेष राशि प्राधिकार में जमा कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एजेंसी जब चाहे तिथि का निर्धारण कर काम शुरू कर सकती है। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें हर तरह का सहयोग प्रदान किया जाएगा।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमण्डल पदाधिकारीगण, अंचलाधिकारीगण एवं अन्य भी उपस्थित थे।