पटना, 7 अगस्त 2020
सुनयना सिंह
ऐक्टू समेत दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से जुड़े स्कीम वर्कर्स की अखिल भारतीय दो दिवसीय हड़ताल आज शुरू हुई । हजारों आशा , रसोइया, आंगनबाड़ी सदस्य इसमें भाग लें रही है। पंचायतों व पीएचसी में जुट कर नारेबाजी कर अपनी मांगों को बुलंद कर रहे हैं। यह जानकारी आल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक सह बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ ऐक्टू की महासचिव सरोज चौबे ने दी

आगे उन्होंने बताया कि कोविड- 19 महामारी के समय सरकार स्कीम वर्करों को करोना योद्धा घोषित कर दिया गया है लेकिन कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई। बगैर सुविधा के काम करते हुए स्कीम वर्कर्स संक्रमित हो जा रही है और उनकी मौत हो जा रही है । मौत के बाद सरकार ने अपने द्वारा घोषित बीमा की 50,00000 राशि का भी भुगतान नहीं कर रही है। लॉकडाउन में सभी लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं इसीलिए प्रवासी मजदूरों के साथ सभी वर्करों को 10 हजार रुपए लॉकडाउन भत्ता दिया जाए । यह हमारी प्रमुख मांग है। प्रवासी मजदूरों के लिए रसोइयों को कोरेनटाइन सेंटरों में काम करने में लगाया गया लेकिन उनकी मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं किया गया। हम मांग करते हैं कि कोरेन पाइन सेंटरों में काम करने वाले रसोइयों की मजदूरी का ₹300 के हिसाब से भुगतान किया जाए । मध्यान्ह भोजन योजना को सरकार एनजीओ के हाथों में सौंप रही है , हम मांग करते हैं की मध्यान्ह भोजन योजना को एनजीओ के हाथ में ना जाए। सरकार लॉकडाउन को अवसर में इस्तेमाल करते हुए तमाम श्रम कानूनों को खत्म कर रही है। 8घंटे का कार्य दिवस मजदूरों ने सैकड़ों साल संघर्ष करके प्राप्त किए थे और मोदी सरकार उसे खत्म कर देना चाहती है। यही नहीं तमाम उद्योग धंधों का निजी करण किया जा रहा है और बेचा जा रहा है। इन्हीं मांगों को लेकर पूरे देश में हड़ताल जारी है। बिहार में पटना, नवादा, गया, मुंगेर,
सिवान आदि कई जिलों में लागू की गई हड़ताल कल भी जारी रहेगी। 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन के अवसर पर ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित जेल भरो व सत्याग्रह आंदोलन में भी भाग लेंगी।
सरोज चौबे
महासचिव बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ, ऐक्टू