
द थियेट्रॉन रेक्स, नालंदा की प्रस्तुति// नाटक- गौतम बुद्ध
लेखक एवं निर्देशक- रेन मार्क
विश्व को शांति का पाठ पढ़ाने वाले भगवान गौतम बुद्ध की जीवन यात्रा पर आधारित रेन मार्क लिखित एवं निर्देशित नाटक “गौतम बुद्ध”का मंचन पटना के सैदपुर स्थित प्रेमचंद रंगशाला में किया गया । लेखक का उद्देश्य गौतम बुद्ध के विचारों को हर एक लोग तक पहुंचना है। आज जिस तरह से हमारा समाज हिंसा और अशांति की ओर बढ़ रहा है। इस विकट परिस्थिति में गौतम बुद्ध के विचारों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। यह नाटक भंते डॉ यू पैयालिंकारा जी को समर्पित है। भंते डॉ यू पैयालिंकारा चाइनीज टेंपल नालंदा के बौद्ध गुरु रहे हैं जिनका निर्वाण हाल ही में हुआ।
नाटक की शुरुआत सिद्धार्थ के जन्म से होता हैं। हर जगह उनके जन्म उत्सव को मनाया जा रहा है। सिद्धार्थ के पिता महाराज शुद्धोदन और माता महारानी गौतमी काफी आनंदित है। जन्म उत्सव के दिन असित मुनि सिद्धार्थ को लेकर भविष्यवाणी करते है कि “अगर यह राजा हुए तो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ राजाओं में इनकी गिनती होगी और अगर राजा नहीं हुए तो यह दुनिया को राह दिखाने वाले एक महान सन्यासी होंगे”। सिद्धार्थ को बचपन से ही एकांत में रहना काफी अच्छा लगता है। उन्हें प्रकृति काफी लुभावनी लगती हैं। सिद्धार्थ काफी भावुक है। उनसे किसी का दुख देखा नहीं जाता हैं। जैसे जैसे सिद्धार्थ बड़ा होता है महाराज को उनकी चिंता सताने लगती है। उन्हें डर लगने लगता है की असित मुनि की भविष्यवाणी सत्य ना हो जाए। महाराज शुद्दोधन सिद्धार्थ का ध्यान भंग करने के लिए अप्सराओं को भेजते है लेकिन उनकी हर कोशिश नाकाम हो जाती है। कालांतर में सिद्धार्थ की शादी यशोधरा से हो जाती है। शादी के बाद भी उनका अधिकांश समय एकांत में बीतता है। एक दिन सिद्धार्थ राजमहल से बाहर जाते हैं। जहां उनकी मुलाकात एक वृद्ध व्यक्ति, एक रोगी, मृत व्यक्ति और संन्यासी से होती है। इनसे मिलने के बाद उन्हें दुख का आभास होता है। वह मनुष्य को उनके दुखों से आजाद कराना और सत्य की खोज करना चाहते हैं। फिर एक रात सिद्धार्थ अपनी पत्नी, पुत्र, माता-पिता को छोड़ सत्य की खोज के लिए निकल जाते है।
रास्ते में उनकी मुलाकात पांच ब्राह्मणों से होती है। सिद्धार्थ एक वटवृक्ष के पास जाकर ध्यान लगाते हैं जहां सुजाता उनको खीर खिलाती है। वर्षों की कठिन तपस्या के बाद बोधगया में बोधिवृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध होते है। सारनाथ में भगवान बुद्ध अपना पहला उपदेश देते हैं। गौतम बुद्ध की चर्चा विश्व के हर कोने में होने लगती हैं। गौतम बुद्ध से प्रभावित होकर डाकू अंगुलिमाल भी बुद्ध की शरण मे आ जाते हैं। गौतम बुद्ध के लिए कोई जाति- धर्म, रंग-रूप, काम-उद्योग मायने नहीं रखता हैं। उनके दिल में सभी के लिए प्यार और जगह है। गौतम बुद्ध की महानता इस बात से लगाई जा सकती हैं की वैशाली की नगरवधू आम्रपाली के घर वे अपने शिष्यों से साथ भोजन ग्रहण करने जाते हैं। जब गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण का समय आता हैं तो वे अपने सबसे प्रिय शिष्य आनंद को अपने पास बुलाकर उपदेश देते हैं। वे कहते हैं -“ज्ञान का प्रकाश इंसान के अंदर ही होता हैं ” अप्प दीपो भव:”। गौतम बुद्ध महापरिनिर्वाण लेते है। और इस प्रकार महामानव गौतम बुद्ध दुनिया को सत्य, अहिंसा और शांति का ज्ञान देकर मनुष्य तथा सभी जीवों का कल्याण किया।

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1. मंच परिकल्पना – अशोक घोष
2. मंच निर्माण – सुनील शर्मा
3. प्रकाश परिकल्पना – राजीव रॉय
4. संगीत संयोजन – अक्षय कुमार यादव
5. संगीत संचालन – आदर्श राज, अक्षय कुमार
6. रूप सज्जा – चंदना घोष, शशांक घोष
7. वस्त्र विन्यास – रेणु सिन्हा, लाडली रॉय
8. मंच सामग्री – मृत्युंजय कुमार, मनीष कुमार, शिवम कुमार, चंदन कुमार
9. नृत्य प्रशिक्षण – अनिशा
10. वीडियो संपादन – आदर्श राज & अक्षय कुमार
11. पोस्टर निर्माण – एलिगेंट सीने स्टूडियो
12. उद्घोषक – अनिता राज
13. प्रोडक्शन मैनेजर – रमेश सिंह
14. प्रोडक्शन नियन्त्रण – मधुकांत श्रीवास्तव
15. आभार – अक्षरा आर्ट्स ( अजीत कुमार), प्रेमचंद रंगशाला
16. विशेष आभार – गौरव कुमार, कुमार राहुल, आदित्य कुमार अश्क
17. अतिथि – कुमार अनुपम (पूर्व उपाध्यक्ष बिहार संगीत नाटक अकादमी ,महासचिव – बिहार आर्ट थिएटर पटना),
अशोक घोष-कोषाध्यक्ष बिहार आर्ट थियेटर पटना) अवधेश नारायण प्रभाकर,”विशाल” उषा वर्मा, अमियोनाथ चटर्जी
18. विशिष्ट अतिथि – भंते धम्मा रत्ना (चाईनिज टेम्पल, नालंदा),
आर के सिंहा (पूर्व राज्यभा सांसद सह अध्यक्ष, बिहार आर्ट थिएटर, पटना)
19. सहायक निर्देशक – रवि आनंद, अक्षय कुमार यादव
20.मीडिया प्रभारी-सिकन्दर-ए-आज़म
21.लेखक एवं निर्देशक – रेन मार्क
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समर्पित – स्वर्गीय भंते डॉ यू पैयालिंकारा

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1. सिद्धार्थ – शशांक राज
2. भगवान बुद्ध – रेन मार्क
3. गौतमी – रेणु सिन्हा
4. शुद्धोदन – सरबिंद कुमार
5. यशोधरा – लाडली रॉय
6. राहुल – हर्षित राज
7. छन्न – अक्षय कुमार यादव
8. आनंद – रवि आनंद
9. पुन्ना – अनिशा
10. सुजाता – निक्की कुमारी
11. आम्रपाली – श्रेया आर्यन
12. असित मुनि- राजेंद्र नरेन्द्र
13. अंगुलिमाल – रंजीत राज
14. देवदत्त – रवि आनंद
15. महामंत्री – चंदन कुमार
16. असवजीत – शिवम कुमार
17. शारिपुत्र – रजनीश मिश्रा
18. मोगलना – आदर्श राज प्यासा
19. असजित – शिवम कुमार
20. कोंडाणा – चंदन कुमार
21. वप्पा – मृत्युंजय कुमार
22. भदिया – मनीष कुमार
23. महानामा – संजय कुमार
24. वृद्ध व्यक्ति – चंदन कुमार
25. बीमार व्यक्ति – शिवम कुमार
26. सन्यासी – राजेंद्र नरेंद्र
27. आदमी 1 – चंदन कुमार
28. आदमी 2 – शिवम कुमार
29. आदमी 3 – मनीष कुमार
30. आदमी 4 – रवि कपूर
31. नृत्यांगना 1 – अनिशा
32. नृत्यांगना 2 – श्रेया आर्यन
33. महिला 1 – सोनी कुमारी
34. महिला 2 – कृति ज्योत्स्ना शर्मा
35. राहुल (बच्चा) – शीनू
36. सूत्रधार – अनिशा & शिवम कुमार