प्रेमचंद रंगशाला में मंटो की प्रसिद्ध रचना “बादशाह का खात्मा” का मंचन किया गया

आज आज दिनांक 12 फरवरी 2023 को प्रेमचंद रंगशाला में विश्व प्रसिद्ध उर्दू के अफसाना निगार मंटो की प्रसिद्ध रचनाओं में एक बादशाह का खात्मा का मंचन किया गया । मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय के अध्ययन अनुदान के तहत होने वाले इस नाटक का निर्देशन सौम्या भारती ने किया था । नाटक की कहानी पुराने मुंबई शहर से शुरू होती है जहां एक फुटपाथ पर सोने वाला शख्स मनमोहन अपने पुराने दोस्त के बंद पड़े दफ्तर आ पड़ा है । चूंकि दफ्तर का मालिक नहीं है तो दफ्तर उसके कब्जे में है । वहाँ रखी टेलीफोन पर एक आवाज लगातार उसे फोन करती है । इनकी बातचीत का सिलसिला यूं बढ़ता है । जिससे दोनों के दिल में मोहब्बत अंगड़ाई लेने लगती है । सामने वाली आवाज जिस रोज से मिलने का वादा करती है उसके ठीक पहले दफ्तर का मालिक आने वाला होता है और जिससे वो परेशान हो जाता है । अपनी बादशाहत को खतरे में देख वो अपनी परेशानी आवाज़ को बताता है । आवाज़ उसे दिलासा देते हुए कहती है कि जब उसकी बादशाहत खत्म होने वाली रहेगी तो वो अपना नाम और टेलीफोन नम्बर बता देगी और 2 दिनों के लिए बाहर चली जाती हैं । 2 दिनों के इंतज़ार और बादशाहत के खत्म होने के इंतजार के दौरान वह शख्स बदहवासी की हालत में पहुंच जाता है और कहानी बिना किसी अंजाम के खत्म हो जाती है । इस नाटक के पूर्व बाहरी परिसर में किलकारी बिहार बाल भवन के बच्चों के द्वारा बचाओ इसे का मंचन अभिषेक ड्रामेबाज के निर्देशन में किया गया ।

मंच पर

मनमोहन : सागर सिंह

आवाज़ : सौम्या भारती

मंच परे

नाट्य रूपांतरण अविजित चक्रवर्ती

म्यूजिक संचालन उत्तम कुमार , राहुल राज

मेकअप अंकिता शर्मा

मंच प्रबन्धन मुकेश कुमार

परिकल्पना रोशन कुमार

प्रस्तुति द स्ट्रगलर्स

निर्देशन सौम्या भारती

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