बिहार का कोविड टेस्ट इनोवेशन में भी प्रशंसनीय कदमताल !

Nishant karpatne

इस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) भगलपुर देशभर की सुर्खियों में तब आ गया जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ने इसकी सराहना करते हुए बधाई दी।
ट्रिपल आईटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की जांच के लिए नई तकनीक विकसित की है, जिसके जरिए दो से चार सेकेंड में रिपोर्ट बता दी जाएगी। कोरोना के साथ ही यह तकनीक टीबी और निमोनिया की भी रिपोर्ट देगी।

देश और दुनिया मे प्रतिदिन कोरोनॉ के मरीज बढ़ते जा रहे हैं, हर देश अपने स्तर पे इसके पहचान और रोकथाम के लिए टेस्टिंग किट और दवाएं बनाने में अरबों डॉलर खर्च कर रहा है। अपने नागरिकों तक कम से कम खर्च में सुविधा उपलब्ध कराना उनके लिए चुनौती बना हुआ है ,इसी बीच ट्रिपल IT भगलपुर ने इन चुनौतियों से पार पाकर इसका समाधान 2 माह पहले ये सॉफ्टवेयर बनाकर निकाल लिया था । इस सॉफ्टवेयर के अपने स्तर पे परीक्षण के बाद इसे दो महीने पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास स्वीकृति के लिए भेजा था।
मंत्रालय ने इस सॉफ्टवेयर की जांच की जिम्मेदारी आईसीएमआर यानी भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद को सौंपी है। आईसीएमआर ने सॉफ्टवेयर की जांच करने के बाद इसको स्वीकृति दे दी है और जल्द ही अप्रूवल सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया जाएगा।

ट्रिपल IT के निर्देशक प्रो. अरविंद ने बताया कि फिलहाल सरकार को एक मरीज के लिए दो बार(पहली बार और फिर स्वस्थ होने के बाद) जांच करनी पड़ रही है, जिसके लिए पांच हजार रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। निजी स्तर पर लोगों को इससे ज्यादा ही खर्च लग रहा है। वहीं, इस सॉफ्टवेयर के जरिए महज एक्स-रे के खर्च पर 100 से 400 रुपये में कोरोना के मरीजों की दो से तीन बार जांच हो जाएगी।
इस शानदार उपलब्धि के बाद ट्रीपल IT ने अपने अगले परियोजना पर काम शुरू भी कर दिया है, कोविड के गंभीर मरीजों के लिए सबसे जरूरी वेंटिलेटर है। ट्रिपल IT अब ऑटोमैटिक वेंटिलेटर बनाएगा जो मरीजों की जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा। उपकरण बनाने के तरीके का पेटेंट (पंजीयन प्रमाण) ट्रिपल IT भगलपुर ने पहले हीं करवा लिया है।

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