।
समीक्षा-बैठक मंे बोलते हुए राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि आज
ज्ञान का युग है और इसमें आधुनिक युग की जरूरतों एवं आवश्यकताओं के
अनुरूप नित नये-नये शोधों, अनुसंधानों आदि के माध्यम से राज्य के
विश्वविद्यालय राज्य में शैक्षिक प्रगति को गुणवत्तापूर्ण बनाने में अपना
योगदान दे सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि आर्यभट््ट ज्ञान विश्वविद्यालय
को ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारी प्रयोगों और
शोधमूलक गतिविधियों को प्रश्रय देते हुए राज्य की शैक्षिक प्रगति में अपनी
महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय के अधीन
‘ब्मदजतम वित त्पअमत ैजनकपमे’, ‘ब्मदजतम वित श्रवनतदंसपेउ ंदक डंेे ब्वउउनदपबंजपवद’, ‘ब्मदजतम वित
ळमवहतंचीलश्, एवं ‘ब्मदजतम व िच्ंजसपचनजतं ैबीववस व िम्बवदवउपबेश् की स्थापना किए जाने के
निर्णय की प्रशंसा की तथा इन्हें शीघ्र मूत्र्त रूप दिये जाने हेतु
तत्परतापूर्वक प्रयास करने के लिए कुलपति को निदेशित किया। उन्होंने बराबर
बाढ़ एवं सुखाड़ से प्रभावित होने वाले बिहार राज्य में ‘ त्पअमत ैजनकपमे’
के लिए खुलनेवाले केन्द्र को समय की माँग बताते हुए इसके लिए शीघ्र
आधारभूत संरचना विकास एवं मानव संसाधन विकसित करने को जरूरी बताया।
राज्यपाल ने बैठक के दौरान मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं विश्वविद्यालय
द्वारा आयोजित करायी जानेवाली विभिन्न परीक्षाओं को स्वच्छ एवं
कदाचारमुक्त रूप में सम्पन्न कराने के लिए भी निदेशित किया।
बैठक के दौरान राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों के लिए
परीक्षा-केन्द्रों के चयन तथा स्वच्छ-कदाचारमुक्त परीक्षाओं के आयोजन
आदि को लेकर गठित समिति की अनुशंसा प्राप्त होने पर इसे विश्वविद्यालयों के
कुलपतियों को उनके मंतव्यों हेतु भेजा जाना चाहिए, ताकि सर्वमान्य
व्यवस्था बहाल करने के लिए राजभवन से समुचित मार्ग-दर्शन प्रदान किया
जा सके।
ई-मेल-चतण्तंरइींअंद/हउंपसण्बव
उ
चततंरइींअंदइपींत/हउंपसण्बवउ
मोबाईल-9431283596
राज्यपाल ने अपर मुख्य सचिव को बैठक के दौरान निदेशित किया कि राज्य
में विभिन्न सत्रों के नियमित संचालन हेतु व्यवस्था बहाल करने निमित्त
आवश्यक अनुशंसा प्राप्त करने के लिए तीन कुलपतियों की एक समिति यथाशीघ्र
गठित कर दी जाये, ताकि राज्य में अकादमिक एवं शैक्षणिक कैलेण्डर के ससमय
अनुपालन में कठिनाई नहीं हो।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर की समीक्षा के दौरान
राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था का मूलाधार
कृषि है, अतएव ‘तृतीय कृषि रोड मैप’ के आलोक में समेकित कृषि के लक्ष्य
को हर हाल में हासिल किया जाना चाहिए। राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि राज्य
की जलवायु के मद्देनजर विभिन्न फसलों की उन्नत बीजों का अनुसंधान किया
जाना चाहिए। उन्होंने साग-सब्जियों, मशरूम, मखाना आदि के उत्पाद की
आधुनिक व्यवस्था विकसित किए जाने के साथ-साथ, खाद्य-प्रसंस्करण उद्योगों
को भी विकसित किये जाने की
आवश्यकता बतायी।
राज्यपाल ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय की समीक्षा के क्रम में
कहा कि देशी नस्ल की गायों के समुचित पालन तथा उनके दुग्ध देने की
क्षमता के विकास हेतु भी कारगर उपाय किए जाने चाहिए।
राज्यपाल ने तीनों विश्वविद्यालय के कुलपतियों को निदेशित किया कि
अपने विश्वविद्यालय से जुड़े किसी ज्वलंत विषय पर वे राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
करें। बिहार कृषि विश्वविद्यालय एवं बिहार पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय को भी
राजभवन परिसर में प्रदर्शनी आयोजित करने को कहा गया।
आर्यभट््ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति को ‘नैक
प्रत्ययन’ हेतु समुचित आवश्यक व्यवस्था शीघ्र पूरी करने के निदेश दिये गये।
समीक्षा बैठक में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ अजय कुमार
सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय कृषि-ज्ञान-रथ, किसान-चैपाल, सामुदायिक
रेडियों-स्टेशन, किसान-काॅल-सेन्टर, किसान-मेला आदि के जरिये
किसानों एवं उनकी समस्याओं से सीधे जुड़ा हुआ है एवं आधुनिक
कृषि के तौर-तरीकों की जानकारी किसानों को उपलब्ध करा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सीमांचल क्षेत्र में अनानास की खेती,
औरंगाबाद एवं सुपौल आदि जिलों में स्ट्राॅबेरी आदि की खेती के
जरिये किसानों का तेजी से आर्थिक सशक्तीकरण हो रहा है। विश्वविद्यालय
ई-लाइब्रेरी, डिजिटल लाइब्रेरी, वीडियो-काॅन्फ्रेंसिंग आदि के जरिये
भी अपने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को समुचित शिक्षण प्रदान कर रहा है।
बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति डाॅ॰ रामेश्वर सिंह ने
बताया कि विश्वविद्यालय के सत्र नियमित रूप से संचालित हो रहे हैं और एकेडमिक
कैलेण्डर का पालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि ‘टपतजनंस क्पेेमबजपवद ज्ंइसम’
के माध्यम से छात्र काफी लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाहर
की एजेन्सियों के माध्यम से वित्त-पोषित 11 शोध परियोजनाओं पर तेजी से
काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा ‘टमजमतपदंतल ब्सपदपबे’ के सुदृढ़ीकरण के
लिए भी तेजी से प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में
सामग्रियों की खरीददारी ‘ळमड’ पर ही होती है तथा वित्तीय अनुशासन पूरी
तरह बहाल रखा गया है।
आज की बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव श्री ब्रजेश मेहरोत्रा सहित
संबंधित तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव सहित विश्वविद्यालय
प्रशासन एवं राज्यपाल सचिवालय के सभी वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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