मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस 2023 का दीप
प्रज्ज्वलित कर एवं गुब्बारे उड़ाकर
किया विधिवत उद्घाटन

पटना, 22 मार्च 2023:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज
ऐतिहासिक गांधी मैदान में बिहार दिवस 2023 (22-24 मार्च) का
दीप प्रज्ज्वलित कर एवं गुब्बारे उड़ाकर कार्यक्रम का विधिवत
उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री
ने कहा कि बिहार दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को मैं
बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। आज सम्मानित होने वाले
पद्मश्री आनंद कुमार, श्री धीरज कुमार, सुश्री ज्योति कुमारी, सुश्री
पल साक्षी कोे भी बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि
हमलोगों ने वर्ष 2010 से ही 22 मार्च को बिहार दिवस मनाने
की शुरुआत की। नवम्बर 1911 में बिहार एवं उड़ीसा को बंगाल से
अलग होने की घोषणा की गयी थी। जिसकी अधिसूचना 22 मार्च
1912 को जारी हुयी और बंगाल से अलग होकर बिहार एवं उड़ीसा
राज्य अस्तित्व में आया। सभी लोगों से विचार-विमर्श कर तय किया
कि 22 मार्च को हमलोग बिहार दिवस मनायेंगे। वर्ष 2012 में
बिहार के गौरवषाली 100 वर्ष पूरे होने पर बड़े पैमाने पर
कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। देश-विदेश में भी बिहार
के रहने वाले लोग बिहार दिवस मनाते हैं। आज इतने बड़े
पैमाने पर कार्यक्रम का आयोजन होता देख मुझे काफी खुशी हो
रही है। आज 111वें वर्ष का समारोह मनाया जा रहा है। बिहार
दिवस के अवसर पर जिला से लेकर गांव के स्तर पर कई प्रकार के आयोजन
होते हैं। बिहार दिवस समारोह तीन दिनों तक चलता है। इस
आयोजन का मुख्य उद्देष्य बिहार का गौरव बढ़ाना, बिहारियों में
आत्मसम्मान की भावना जगाना और बिहार की स्मिता स्थापित करना
है। बिहार दिवस के अवसर पर बिहार के साथ-साथ देष के अन्य
राज्यों में और देष के बाहर जहाॅ बिहारी हैं, बिहार दिवस

मनाते हैं। दुनिया में जहाॅ भी बिहार के लोग रह रहे हैं।
सभी को मेरी तरफ से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली है।
महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति यहीं हुई थी। भगवान महावीर
को जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और निर्वाण यहीं हुआ। सिखों के
प्रथम गुरू गुरु नानकदेव जी महाराज, सिखों के 9वें गुरु
तेगबहादुर जी महाराज भी यहां आये थे। सिखों के 10वें गुरु
गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म भी यहीं हुआ था। वर्ष 2017
में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज का 350वां प्रकाश पर्व धूमधाम
से यहां मनाया गया था। प्रकाश पर्व का आयोजन प्रति वर्ष किया जाता
है। बिहार सूफी संतों की भी कर्मभूमि रही है। मनेर शरीफ,
खानकाह मुजीबिया, खानकाह मुनिबिया, मितन घाट सूफी संतों की
भूमि रही है। बिहार सबसे पौराणिक स्थल है। यह चंद्रगुप्त
मौर्य, चाणक्य, सम्राट अशोक, आर्यभट्ट की भूमि रही है।
महान विभूतियों के नाम पर हमलोगों ने चंद्रगुप्त प्रबंधन
संस्थान, सम्राट अशोक कन्वेंशन केन्द्र, चाणक्य विधि
विष्वविद्यालय एवं आर्यभट्ट ज्ञान विष्वविद्यालय की स्थापना करायी। विष्व
प्रसिद्ध पुराने नालंदा विष्वविद्यालय को भी फिर से शुरु कराया गया है।
बिहार म्यूजियम अंतरराष्ट्रीय स्तर का बना है। देश में पहली बार
अंतर्राष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बिहार में बना है। आज कल बाहर से
बिहार आनेवाले लोग बिहार म्यूजियम को जरुर देखते हैं। पटना
म्यूजियम का भी विकास कराया जा रहा है। बिहार म्यूजियम को पटना
म्यूजियम से अंडरग्राउंड कनेक्ट किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम
हुआ है। पहले लड़कियां कम पढ़ने जाती थी। अब लड़कियां की
संख्या लड़कों के बराबर हो गई है। इस बार इंटर की परीक्षा में
सफल होनेवाली लड़कियों का प्रतिशत लड़कों से ज्यादा है।
बिहार में महिला सशक्तीकरण को लेकर भी काफी काम हुआ है।
वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में महिलाओं
को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इसके एक साल बाद हुए नगर निकायों
के चुनाव में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।
वर्ष 2013 में पुलिस सेवा में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण
का प्रावधान किया गया। अभी 29,175 महिलाएं पुलिस सेवा में
कार्यरत हैं। देश में पुलिस सेवा में इतनी महिलाएं किसी दूसरे
राज्य में नहीं हैं। सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को
35 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। बिहार में स्वयं सहायता समूह का
गठन किया गया है और हमने जीविका नामकरण किया और इसके
सदस्यों को दीदीयां कहा। पूरे देष में यह आजीविका नाम से
संचालित किया गया। आज 10 लाख 45 हजार स्वयं सहायता समूहों का

गठन किया जा चुका है, जिससे 1 करोड़ 30 लाख से अधिक जीविका
दीदीयां जुड़ी हुई हैं। हर घर नल का जल, हर घर तक पक्की
गली-नाली और शौचालय का निर्माण कराया गया है। हर घर तक
बिजली पहुॅचा दी गयी है। हर गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई
जा रही है। सभी खेतों तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का
हमलोगों का लक्ष्य है। युवाओं को षिक्षा और प्रषिक्षण पर जोर
दिया जा रहा है। स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड, कौषल प्रषिक्षण कराया
जा रहा है। युवाओं की शक्ति से बिहार की और प्रगति होगी।
युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देष्य से
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरूआत की गयी है। इसके तहत 5 लाख
रूपये का अनुदान एवं 5 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया
जा रहा है। सामान्य वर्ग एवं पिछड़े वर्ग के युवकों को 5 लाख
रूपये का अनुदान एवं 5 लाख रूपये का ऋण मात्र 1 प्रतिषत के ब्याज दर पर
उपलब्ध कराया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का विकास दर वर्ष 2009 से ही बढ़
रहा है। कई बार यह देश में सबसे ज्यादा रहा है। देश में प्रति
व्यक्ति आय जहां 1 लाख 50 हजार रुपये है, वहीं बिहार में सिर्फ 64
हजार 383 रुपये है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।
विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार और तेजी से आगे बढ़ेगा।
वर्ष 1931 के बाद देश में जाति आधारित जनगणना नहीं हुई
है। वर्ष 2011 में कोशिश की गई लेकिन यह ठीक ढंग से नहीं
होने के कारण इसकी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की गई। बिहार के
सभी दलों के लोगों ने प्रधानमंत्री से जाति आधारित जनगणना
कराने की मांग की थी लेकिन मांग नहीं मानी गई। हमलोग
बिहार में जाति आधारित गणना करवा रहे हैं। कराये जा रहे
सर्वेक्षण से लोगों की आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा। जाति
आधारित गणना में सभी लोगों को सहयोग करना चाहिए। सड़क,
पुल-पुलियों एवं भवनों का निर्माण के साथ ही मेटेनेंस
भी कराया जा रहा है।

हमलोग समाज के सभी तबके का विकास और
उत्थान के लिए काम करते हैं। आज कल मीडिया पर कब्जा कर लिया गया
है। जो काम नहीं करते हैं उनकी ही चर्चा होती रहती है।
बिहार में जो अच्छा काम होता है उसकी चर्चा नहीं होती है
और जो काम नहीं होती है उसकी चर्चा होती है। उन्होंने
कहा कि समाधान यात्रा के दौरान सभी जिलों का भ्रमण किया।
लोगों के बीच जाकर उनकी सुझावों एवं समस्याओं को जाना
और समझा। बिहार में आधारभूत संरचनाओं का काफी निर्माण
कराया गया है। आधारभूत संरचनाओं का निर्माण कराना ही
नहीं बल्कि उसको मेंटेन रखना है। आपस में झगड़ा नहीं करना
चाहिए। आपस में प्रेम और भाईचारे का माहौल रखना चाहिए।

बिहार को आगे बढ़ाने में सभी लोगों का सहयोग चाहिए।
सभी लोगों को एकजुट होकर बिहार को बढ़ाने में योगदान
देना चाहिए। सभी के सहयोग से बिहार अपनी ऊॅचाइयों को प्राप्त
करेगा।


समारोह में मुख्यमंत्री को पौधा एवं पगड़ी भेंटकर
उनका अभिनंदन किया गया। अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग श्री दीपक
कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया। बिहार के
111वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय
कार्यक्रम की ‘थीम युवा शक्ति बिहार की प्रगति’ रखी गयी है। बिहार
राज्य खेल प्राधिकरण तथा कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा
तैयारी की गयी लघु फिल्म ‘खेलेगा बिहार खिलेगा बिहार’ को
मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी। मुख्यमंत्री ने सुपर-30 के
संचालक पद्मश्री आनंद कुमार को मौलाना अबुल कलाम शिक्षा
पुरस्कार स्वरूप दो लाख रूपये का चेक, अंगवस्त्र एवं सम्मान पात्र प्रदान कर
उन्हें सम्मानित किया। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता श्री धीरज कुमार को
जिन्होंने अपने छोटे भाई को मगरमच्छ के मुंह से बचाया
था उन्हें बहादुरी के लिए लैपटॉप, ट्रैकशूट एवं सम्मान पत्र प्रदान
कर मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्मानित किया। साईकिल गर्ल सुश्री ज्योति
कुमारी एवं सुश्री पल साक्षी को भी उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए
मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। किलकारी बिहार बाल भवन के बच्चों
द्वारा बिहार गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक
कार्यक्रम में बिहार संगीत नाटक अकादमी तथा कला संस्कृति एवं युवा
विभाग के कलाकारों द्वारा बिहार गौरव गान की प्रस्तुति दी गयी।
मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस समारोह-2023 के उद्घाटन से
पूर्व पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में विभिन्न विभागों
द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों से संबंधित लगाई गयी प्रदर्शनी का
अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग, किलकारी बिहार बाल
भवन, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र,
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, एस0डी0आर0एफ0,
एन0डी0आर0एफ0 सहित अन्य विभागों द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी का
अवलोकन किया। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मुख्यमंत्री
के समक्ष वर्ष 2005 के बाद बिहार में आई आपदा की स्थिति में
किये गये बचाव एवं राहत कार्यों पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की
गयी।
समारोह को उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री
डॉ0 चंद्रशेखर, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय
कुमार चैधरी, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी एवं अपर मुख्य सचिव
शिक्षा विभाग श्री दीपक कुमार सिंह ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण
मंत्री श्री अशोक चैधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती
लेशी सिंह, कृषि मंत्री श्री कुमार सर्वजीत, श्रम संसाधन मंत्री श्री
सुरेन्द्र राम, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री शाहनवाज, लघु जल संसाधन
मंत्री श्री जयंत राज, मध निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री
सुनील कुमार, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह,
उप सभापति बिहार विधान परिषद श्री रामचंद्र पूर्वे, पूर्व मंत्री श्री
शाहनवाज हुसैन, सांसदगण/विधायकगण/विधान पार्षदगण, बिहार
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा,
मुख्यमंत्री के परामर्शी सह बिहार संग्रहालय के महानिदेषक श्री अंजनी
कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, बिहार राज्य
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी0एन0 राय, बिहार राज्य आपदा
प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, बिहार के
महाधिवक्ता श्री पी0के0 शाही, पुलिस महानिदेषक श्री आर0एस0
भट्टी, संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव,
मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, आयुक्त पटना प्रमण्डल, मुख्यमंत्री
के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित वरीय
पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

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