मुख्यमंत्री ने बिहार दिवस 2022 का दीप प्रज्ज्वलित कर एवं गुब्बारे उड़ाकर किया विधिवत उद्घाटन

पटना, 22 मार्च 2022:- मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने आज
ऐतिहासिक गांधी मैदान में बिहार दिवस 2022 (22-24 मार्च) का
दीप प्रज्ज्वलित कर एवं गुब्बारे उड़ाकर कार्यक्रम का विधिवत
उद्घाटन किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री
ने कहा कि बिहार दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी लोगों का हार्दिक
अभिनंदन करता हूं। तीन साल बाद आज गांधी मैदान में फिर से
इस कार्यक्रम में उपस्थित होने का मौका मिला है। वर्ष 2010 से
बिहार दिवस मनाने की शुरूआत की गयी। इसको लेकर 2009 में चर्चा
की गयी थी। बिहार औपचारिक रूप से 22 मार्च 1912 को अलग राज्य
बना। 22 मार्च 2010 से इसी दिन बिहार दिवस मनाया जाने लगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 में बिहार के गौरवषाली
100 वर्ष पूरे होने पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम का आयोजन किया
गया था। बिहार दिवस मनाना शुरु किया तो इसकी काफी चर्चा
हुई। इस अवसर पर सब जगहों से बधाई मिलती है। बिहार दिवस के
अवसर पर आज आदरणीय राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री जी समेत कई केंद्रीय
मंत्रियों, विभिन्न दलों के नेताओं ने बधाई दी है। आज
पर्यटन विभाग द्वारा ड्रोन शो का विशेष आयोजन किया गया है।
बिहार की महत्ता सबको पता है। यह विभिन्न धर्मों की हृदय
स्थली रही है। बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति
हुई थी। भगवान महावीर का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और उनका
महापरिनिर्वाण भी बिहार में ही हुआ था। सिखों के प्रथूम
गुरु श्री गुरू नानक देव जी और 9़वें गुरु श्री गुरू तेगबहादुर साहब
जी भी यहां आए और दसवें गुरू सर्वंशदानी गुरु गोविंद सिंह जी
महाराज का यहीं जन्म हुआ था। श्री गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज
के 350वें प्रकष पर्व पर बहुत बड़ा आयोजन किया गया था। सूफी
संतों की भी कार्यस्थली बिहार रही है। मनेरषरीफ, बिहारषरीफ,
संख्या-बउ.100
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खानकाह मुजीबिया, खानकाह मुनिमिया, मित्तन घाट जैसे स्थल
सूफी संतों की धरती रही है। यहां पर्यटकीय सुविधाओं को
विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार शक्तिषाली राजाओं की धरती रही
है। मौर्य राजवंश की स्थापना यहीं हुयी। चंद्रगुप्त मौर्य,
सम्राट अशोक सभी यहीं से थे। चंद्रगुप्त मौर्य के समय चाणक्य
पाटलिपुत्र आए और उन्होंने अर्थषास्त्र की रचना की। नई
पीढ़ी के लोगों को बिहार के गौरवषाली इतिहास की जानकारी
होनी चाहिये। बिहार पौराणिक स्थल है। आर्यभट्ट 1500 साल
पहले यहां आए और उन्होंने शून्य की खोज की थी। नालंदा
विष्वविद्यालय को यूनेस्कों द्वारा विश्व धरोहर में शामिल किया गया
है। उन्होंने कहा कि बिहार दिवस के अवसर पर अनेक कार्यक्रम हो
रहे हैं। आपदा विभाग के द्वारा संकट के समय बचाव के संबंध में
जानकारी दी गयी है। कृषि विभाग द्वारा कृषि के क्षेत्र में किये जा
रहे कार्यों की जानकारी दी गयी है। 2005 से हमलोग समाज के हर
तबके के लोगों के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं।
एस0सी0-एस0टी0, अतिपिछड़े, अल्पसंख्यक एवं महिलाओं के उत्थान
के लिए कितने काम किये गये हैं। पहले लोग शाम के बाद घर से
निकलने में डरते थे। आज देखिये यहां कितने लोग उपस्थित
होकर कार्यक्रम का आनंद ले रहे हैं। अब लोग देर रात तक बाहर
घूमते हैं। लड़कियों की षिक्षा को बढ़ावा देने के लिए
साईकिल योजना एवं पोशाक योजना की शुरुआत की गयी। बिहार
आबादी के दृष्टिकोण से तीसरे और क्षेत्रफल की दृष्टि से 12वें
स्थान पर है। पहले बिहार की प्रजनन दर काफी ज्यादा थी जो अब
घट रही है। सर्वे की जानकारी से पता चला कि पति पत्नी में अगर
पत्नी मैट्रिक पास है तो देष का प्रजनन दर 2 है और बिहार का भी
प्रजनन दर 2 है। पति पत्नी में अगर पत्नी इंटर पास है तो देष का
प्रजनन दर 1.7 है और बिहार का भी प्रजनन दर उसी के आस-पास है।
हमलोगों ने तय किया लड़कियों को षिक्षित करेंगे तो प्रजनन दर
घटेगा। पहले बिहार की प्रजनन दर 4.3 थी जो अब घटकर 3 पर
पहुॅच गयी है। इसे हम बहुत जल्दी 2 पर ले जायेंगे। उन्होेंने
कहा कि आपस में प्रेम और भाईचारे का माहौल बनाये रखिये,
विकास के लिये यह बहुत जरूरी है। कुछ लोग गड़बड़ करने वाले
होते हैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना है। बिहार में
काफी संख्या में सड़क, पुल, पुलियों का निर्माण कराया गया है। हर
घर बिजली पहुॅचा दी गयी है। हर घर में शौचालय का निर्माण
भी कराया गया है। जो भी काम हमलोग कर रहे हैं उसको
मेंटेन रखने के लिए भी काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बिहार दिवस की थीम
जल-जीवन-हरियाली है। जलवायु परिवर्तन को देखते हुये वर्ष
2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गयी। जल और
हरियाली सुरक्षित है तभी जीवन सुरक्षित है। जल और हरियाली असुरक्षित
है तो जीवन असुरक्षित है, चाहे वह जीवन पषु, पक्षी, जीव-जन्तु किसी
का भी हो। जल-जीवन-हरियाली में 11 अवयवों को शामिल किया
गया है। इसके लिए राज्य सरकार 24 हजार करोड़ रूपये खर्च कर रही है। 7
अवयव जल संरक्षण के लिये हैं। 16,680 सार्वजनिक आहर, पोखर,
पईन, तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। 8,595 तालाब-पोखर
का, 22453 आहर-पईन का तथा 14859 कुओं का जीर्णाेद्धार
कराया गया है। कुओं एवं चापाकल के पास 1 लाख 29 हजार 336
सोख्ता का निर्माण कराया गया है। 7657 नये चेकडैम का निर्माण
कराया गया है। 20318 नये जलस्त्रोत सृजित किये गये हैं। 13321 सरकार
भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण कराया गया है।
बोधगया, गया, नवादा, राजगीर तक गंगा का जल शुद्ध पेय जल के रूप में
पहुंचाने पर काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड अलग हुआ तब बिहार का
हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत था। 2012 से वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया
गया। हरियाली मिषन की स्थापना की गयी और हमलोगों ने बड़े
पैमाने पर वृक्षारोपण किया। वर्ष 2018-19 में 24 करोड़
पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जिसके विरूद्ध 22 करोड़ पौधारोपण
हुआ। पिछले वर्ष 3 करोड़ 89 लाख पौधारोपण किया गया था
जबकि उसके पिछले वर्ष 3 करोड़ 95 लाख पौधारोपण किया गया
था। अब बिहार का हरित आवरण क्षेत्र बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है,
इसे 17 प्रतिषत करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जबसे
हमलोगों को काम करने का मौका मिला है बिहार में बड़ा
बदलाव आया है। कृषि के क्षेत्र में 2008 से काम किया जा रहा है।
कृषि रोडमैप बनाकर वर्ष 2008 से ही किसानों की आय बढ़ाने
का काम किया जा रहा है। अभी तीसरे कृषि रोडमैप पर काम चल रहा
है। मौसम के अनुकुल खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके
सभी जिलों में व्यवस्था की गयी है। फसल अवषेष प्रबंधन को
भी जल-जीवन-हरियाली अभियान का हिस्सा बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि जो लोग पराली जला रहे हैं, वे इसे जलाना बंद
करें, पर्यावरण के लिये यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हर
घर बिजली पहुंचा दी गयी है लेकिन असली ऊर्जा सौर ऊर्जा है इसको
बढ़ावा देने के लिये काम किया जा रहा है। 2000 सरकारी भवनों
पर सोलर प्लेट लगाये गये हंै। 11वें अवयव के रूप में
जल-जीवन-हरियाली अभियान को निरंतर चलाते रहना है। 19 जनवरी
2020 को जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में 5 करोड़ 16

लाख से अधिक लोगों ने मानव श्रृंखला बनायी थी। उन्होंने
कहा कि श्री बिल गेट्स नवम्बर 2019 में जब बिहार आए थे तब
जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे
प्रयासों को लेकर प्रषंसा की थी। 24 सितम्बर 2020 को
यूनाइटेड नेषन्स में अन्तर्राष्ट्रीय राउंड टेबल कान्फ्रेंस में
पूरी दुनिया के सामने इसके संबंध में हमें अपनी बात को रखने
का मौका मिला था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जो कमिटमेंट है उसको करते
रहेंगे। समाज सुधार अभियान चला रहे हैं, बाल विवाह, दहेज
प्रथा उन्मूलन के लिए भी काम करते रहेंगे। विकास के साथ ही
पर्यावरण संरक्षण का भी काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि
सभी लोग आपस में प्रेम, भाईचारे के साथ मिलकर रहें जिससे राज्य
और देष आगे बढ़ेगा और हमलोग फिर से गौरवषाली अतीत को
प्राप्त कर सकेंगे। बिहार दिवस के अवसर पर मैं एक बार फिर सभी
लोगों को शुभकामनायें देता हूॅ एवं जिन लोगों ने इस
अवसर पर बधाई दी है उनको धन्यवाद देता हूॅ।
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तारकिषोर प्रसाद, षिक्षा एवं
संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, भवन निर्माण मंत्री श्री
अषोक कुमार चैधरी एवं अपर मुख्य सचिव षिक्षा श्री संजय कुमार ने
संबोधित किया।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, कृषि मंत्री श्री
अमरेन्द्र प्रताप सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, समाज
कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री
रामसूरत कुमार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील
कुमार, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला
कुमारी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन,
विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, लघु जल संसाधन
मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन सहित विधायकगण, विधानपार्षदगण,
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा,
मुख्यमंत्री के परामर्षी श्री अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान
सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस
महानिदेषक श्री एस0के0 सिंघल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री एस0
सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के परामर्षी श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री
के सचिव श्री अनुपम कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं अन्य गणमान्य
व्यक्ति उपस्थित थे जबकि दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त श्री जगदीप
सरकार, दक्षिण अफ्रीका के बिहारी मूल के वंषज वीडियो
काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुये थे।

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले गांधी मैदान पहुॅचकर बिहार दिवस के
अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टाॅलों का
परिभ्रमण किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को पौधा एवं समृति चिन्ह्
भेंट कर के उनका स्वागत किया गया।
कार्यक्रम के दौरान आकाष में 500 ड्रोन के माध्यम से बिहार
के गौरवषाली अतीत को दिखाया गया। उपस्थित लोग इस दृष्य को
देखकर काफी उत्साहित एवं रोमांचित हुये। कार्यक्रम के दौरान
बिहार गीत एवं बिहार गौरव गान की भी प्रस्तुति दी गयी। मुख्यमंत्री
ने इन कार्यक्रमों का लुत्फ उठाया और कलाकारों का
उत्साहवर्द्धन किया।
मुख्यमंत्री ने इंटरमीडियट कला, विज्ञान एवं काॅमर्स के प्रथम
तीन टाॅपरों को किन्डल लैपटाॅप, मेडल, सर्टिफिकेट एवं राषि
प्रदान कर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि 22 से 24 मार्च तक कई नामचीन कलाकारों
द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा।

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