
मुख्यमंत्री ने हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह का किया उद्घाटन, 29 साहित्यकारों को किया सम्मानित
पटना 31 जुलाई 2023:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने हिन्दी
सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह का उद्घाटन किया।
मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग द्वारा 1 अणे मार्ग स्थित
‘लोक संवाद’ में आयोजित इस पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष
2020-21 और वर्ष 2021-22 के अंतर्गत कुल 29 साहित्यकारों
को अंगवस्त्र, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं चेक प्रदान कर उन्हें सम्मानित
किया।
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020-21 के अंतर्गत हिन्दी सेवी सम्मान
एवं पुरस्कार योजना के अधीन डॉ0 विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को डॉ0
राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, डॉ0 अशोक कुमार को बाबासाहेब
भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार, श्रीमती मृणाल पाण्डे को जननायक
कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ0 सुशीला टाकभौरे को बी0पी0
मंडल पुरस्कार, कविवर श्री सत्यनारायण को नागार्जुन पुरस्कार, श्री
रामश्रेष्ठ दीवाना को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, श्री जाबिर हुसैन को
फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ पुरस्कार, डॉ0 पूनम सिंह को महादेवी वर्मा
पुरस्कार, डॉ0 के0 वनजा को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार, दक्षिण
भारत हिन्दी प्रचार सभा (हैदराबाद, तेलंगाना) को विधाकर
कवि पुरस्कार, श्रीमती गीता श्री को विद्यापति पुरस्कार, डॉ0 राकेश कुमार
सिन्हा रवि को मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ पुरस्कार, श्री भगवती
प्रसाद द्विवेदी को भिखारी ठाकुर पुरस्कार, डॉ0 छाया सिन्हा को
डॉ0 ग्रियर्सन पुरस्कार एवं श्री अनंत विजय को डॉ0 फादर कामिल बुल्के
पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं इस पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष
2021-22 के अंतर्गत हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के
अधीन मुख्यमंत्री ने श्री मधुसुदन आनंद को डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद

शिखर सम्मान, श्री बलराम को बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार,
डॉ0 चंद्र त्रिखा को जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ0 इरशाद
कामिल को बीपी मंडल पुरस्कार, श्री भोला पंडित ‘प्रणयी’ को
नागार्जुन पुरस्कार, श्री अनिरुद्ध सिन्हा को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार,
डॉ0 शहनाज फातमी को फणीष्वरनाथ ‘रेणु’ पुरस्कार, डॉ0 भावना
को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ0 गुरमीत सिंह को बाबू गंगाशरण
सिंह पुरस्कार, असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को विधाकर कवि पुरस्कार,
श्रीमती कविता प्रयागराज को विद्यापति पुरस्कार, श्री महेंद्र नारायण पंकज
को मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ पुरस्कार, डॉ0 आशीष कंधवे
को डॉ0 ग्रियर्सन पुरस्कार एवं श्रीमती विभा रानी को डॉ0 फादर
कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया।
पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने
कहा कि आज के इस कार्यक्रम में उपस्थित आप सभी लोगों का मैं
स्वागत और अभिनन्दन करता हूँ। आप सभी से आग्रह है कि इस
कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष 14 सितंबर को घोषित हिन्दी दिवस
के दिन करें और उस दिन हिन्दी भाषा को विकसित करनेवाले
साहित्यकारों को सम्मानित करें। कविवर श्री सत्यनारायण जी द्वारा रचित
बिहार गीत पूरे बिहार में सभी महत्वपूर्ण बैठकों एवं विभिन्न
अवसरों पर बजाया जा रहा है और आज उन्हें नागार्जुन पुरस्कार से
सम्मानित किया गया है। हम तो कहेंगे कि उनको पुरस्कार स्वरूप दी
जानेवाली दो लाख रूपये की राशि की जगह तीन लाख रुपये प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि सबकी मांग को ध्यान में रखते हुए हिन्दी सेवी
सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत
प्रदान की जानेवाली धनराशि में बढ़ोत्तरी करें। हिन्दी सेवी
सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत
दी जानेवाली न्यूनतम धनराशि 50,000 रूपये को बढ़ाकर लाख रूपये
से ज्यादा करें। पुरस्कार की राशि को अगली बार बढ़ाकर ही सरकार के
पास भेजें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग
पुरानी बातों को भूलने लगे हैं, यह ठीक नही है। वर्ष
2019 के बाद मोबाइल फोन का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की
तादाद तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि नई-नई
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पृथ्वी को काफी नुकसान पहुँच रहा
है। अगर यही स्थिति रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि सब कुछ खत्म हो
जाएगा। आजकल मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चा से लेकर हर उम्र
के लोग जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, यह उचित नही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी काफी अच्छी भाषा है। इस
देश की अधिकांश आबादी आपसी बोलचाल में इसी भाषा का
इस्तेमाल करती है। आप सभी से आग्रह है कि इस भाषा को कायम

रखते हुए इसे विकसित एवं विस्तारित करने पर विशेष बल दें। आज कल यह
देखने को मिल रहा है कि हिन्दी के शब्दों को भी लोग
अंग्रेजी में लिखने लगे हैं, इससे बचने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अग्रेंजी भी अच्छी भाषा है और सबको
जाननी भी चाहिए लेकिन हिन्दी के शब्दों को हिन्दी में ही
लिखनी चाहिए। आप सभी लोगों को यही सलाह दें। हिन्दी के
शब्दों को अंग्रेजी में लिखने की जरूरत नही है। उन्होंने
कहा कि हम जब सांसद और केन्द्रीय मंत्री थे तो कोई भीं
कानून बनता था तो वह हिन्दी के अलावा अंग्रेजी भाषा में
भी लिखा रहता था। हम तो कहेंगे कि हिन्दी में ही आपलोग सब
कुछ नोट कराएं। बिहार में सात निश्चय योजना के तहत सभी
बच्चे-बच्चियों को प्रशिक्षित कराया जा रहा है ताकि उन्हें बेहतर
रोजगार के अवसर प्रदान हो सके। बच्चे-बच्चियों को प्रदान किये जा
रहे प्रशिक्षण में हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा भी
सिखाया जा रहा है ताकि वह अपनी बातें कह सकें और दूसरे की
बातों को भी अंग्रेजी में भी समझ सके। हम पुनः आपलोगों
से आग्रह करेंगे कि हिन्दी भाषा को विकसित करने पर विशेष
ध्यान दें और हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में
पुरस्कृत होनेवाले लोगों की संख्या बढ़ाकर उन्हें पुरस्कृत
करें। इस काम में राज्य सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।
कार्यक्रम में मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डाॅ0 एस0
सिद्धार्थ ने स्वागत भाषण दिया।
इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय
कुमार चैधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो0 जमा खान, विधान
पार्षद डॉ0 रामवचन राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार,
मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त श्री विवेक कुमार सिंह,
मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के
सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री
गोपाल सिंह, हिन्दी प्रगति समिति के अध्यक्ष कविवर श्री सत्यनारायण,
हिन्दी प्रगति समिति के उपाध्यक्ष डॉ0 सविता सिंह नेपाली, पटना
विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डॉ0 गिरीश कुमार चैधरी, राजभाषा
के निदेशक श्री सुमन कुमार, उर्दू निदेशालय के निदेशक श्री अहमद
महमूद सहित सम्मानित होनेवाले साहित्यकारगण, हिन्दी सेवी एवं
उनके परिजन उपस्थित थे।
