लालगंज जीविका दीदीयों की मेडीकेटेड मास्क अब ऑनलाइन भी उपलब्ध

• पांच आकर्षक रंगों में उपलब्ध है मेडिकेटेड मास्क
• दो मास्क का है सेट, 100 रु रखी गयी है कीमत

वैशाली। 24 सितंबर

आइआईटी मुबंई के पेटेंट तकनीक पर लालगंज की जीविका दीदीयों द्वारा बनाया मास्क जीविका के ऑनलाइन शॉप पर उपलब्ध है। मास्क के एक सेट की कीमत 100 रुपये रखी गयी है। जबकि 5 मास्क के सेट की कीमत 200 रुपये रखी गयी है। मास्क को तीन आकर्षक रंगों में बाजार में उतारा गया है। इस मास्क को सूती कपड़े से बनाया गया है, जो विषाणु और बैक्टिरिया रोधी है। इस्तेमाल के बाद इसे प्रतिदिन साफ करने की जरुरत नहीं होती। वहीं लगभग 20 धुलाई तक मास्क की प्रतिरोधी क्षमता बनी रहती है। आवश्यकता अनुसार नल के पानी एवं किसी भी डिटर्जेंट से इसे हल्की हाथों से इसे धोया जा सकता है।

लालगंज की जीविका दीदीयों को मिला था प्रशिक्षण:
इस मास्क के उत्पादन में तकनीकी सहयोग दे रहे पीसीआई के मानव कुमार ने बताया इस मास्क को बनाने के लिए लालगंज की 20 जीविका दीदीयों को शुरुआत में प्रशिक्षण दिया गया था, जिसे मुबंई आईआईटी से डॉ कपिल पंजाबी और प्रोफेसर रिंकी बनर्जी ने दिया था। इस प्रशिक्षण के माध्यम से मास्क बनाने और उस पर केमिकल चढ़ाने की विधि बताई गयी थी। यह मास्क टू लेयर थ्री प्लेट का है, जिसे रसायनों के द्वारा एंटी वायरल बनाया जा रहा है। अभी जिले में 12000 जीविका दीदीयां विभिन्न स्वयं सहायता समूह में कार्य कर रही हैं। कार्यक्रम की सफलता के बाद इसे और विस्तार देने की भी योजना है।

मेडिकल घोल में येलो श्रेणी के केमिकल का इस्तेमाल:
इस मास्क को मेडिकेटेड बनाने के लिए जिन रसायनों का प्रयोग किया गया है, वह येलो श्रेणी में आते हैं, अर्थात इनका कोई हानिकारक प्रभाव हमारे उपर नहीं पड़ेगा। इसके घोल बनाने के लिए साइट्रस एसिड, ओलिक एसिड, सोडियम पोटाश जैसे रसायनों का इस्तेमाल किया गया है। इस तरह के रसायनों से बने दो घोल तैयार होते हैं। एक बार बने घोल को तीन बार इस्तेमाल किया जा सकेगा। जिससे 1500 मास्क तैयार किए जा सकते हैं। पहले घोल में मास्क को डूबोकर आधा घंटा रखा जाता है जो थोड़ा गर्म होता है। वहीं दूसरे ठंडे घोल में भी इसे आनुपातिक समय तक डूबो कर रखा जाता है। इस विधि के बाद इसे सूखने के लिए दिया जाता है फिर इसे प्रेस कर मार्केट के लिए तैयार किया जाता है। अभी पहले से बने डबल लेयर थ्री प्लेट मास्क को इस घोल के साथ तैयार किया जाएगा।

क्या है उद्देश्य:
इस तरह के मास्क के उत्पादन का मुख्य उद्देश्य कम कीमत में असरदार मास्क लोगों तक पहुंचाना है। वहीं इस तरह के कार्यक्रम से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दीदीयों को आर्थिक संबंल भी मिल रहा है. इस नयी पहल को देखकर लोग आकर्षित भी हो रहे हैं. समुदाय स्तर पर की जा रही इस पहल से लोगों के बीच मास्क की उपयोगिता एवं महत्ता भी साबित हो रही है. इससे जीविका कार्यकर्ताओं का नाम कोरोना की रोकथाम करने वाले लोगों की सूची में दर्ज तो हो ही रहा है. साथ ही विपरीत हालातों में समाधान ढूंढने के उनके जज्बे को भी प्रदर्शित कर रहा है.

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