
वायु सेना की आपत्ति , ऐयर फोर्स की नाकारात्मक छवि की प्रतिति को लेकर लिखा पत्र , फिल्म है गुंजन सक्सेना, द कारगिल गर्ल’ !
by Nishant karpatne
फिल्म ‘गुंजन सक्सेना, द कारगिल गर्ल’ की चर्चा जोरों पर है और प्रशंसा भी हो रही है। ये फिल्म भारतीय वायुसेना की पहली महिला हेलीकॉप्टर पॉयलट गुंजन सक्सेना के जीवन पर आधारित है। फिल्म में सितारों के अभिनय आदि पर बात हो ही रही थी कि भारतीय वायुसेना ने इस फिल्म के कई दृष्यों और संवादों को लेकर आपत्ति जता दी।
वायुसेना ने अपनी आपत्तियों को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को एक पत्र भी लिखा जिसमें साफ तौर पर फिल्म में वायुसेना की नकारात्मक छवि पेश करने के आरोप का उल्लेख किया गया है। इस पत्र को नेटफ्लिक्स और धर्मा प्रोडक्शन को भी भेजा गया है।
धर्मा ने इस फिल्म को बनाया है और नेटफ्लिक्स पर प्रदर्शित की गई। इस फिल्म में गुंजन सक्सेना जब उधमपुर एयरबेस पर पहुंचती हैं तो उनको कदम दर कदम इस बात का एहसास होता या कराया जाता है कि वो महिला हैं, कई बार प्रत्यक्ष तो कई बार परोक्ष रूप से। उधमपुर एयरबेस में गुंजन सक्सेना के रहने के दौरान की घटनाओं और स्थितियों के फिल्म में चित्रण पर वायुसेना को आपत्ति होगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस विवाद पर टिप्पणी की। इसके पहले भी सेना और सैनिकों के चित्रण को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। मुकदमे भी हुए। इन विवादों को देखते हुए 27 जुलाई 2020 को रक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को एक पत्र लिखा। इस पत्र में रक्षा मंत्रालय ने बोर्ड को लिखा है कि उनकी जानकारी में ऐसी बातें आई हैं कि कुछ फिल्मों और वेब सीरीज में सेना की नकारात्मक छवि दिखाई पेश की जा रही है।
इसलिए रक्षा मंत्रालय को ये अपेक्षा है कि फिल्मों और वेब सीरीज के निर्माताओं को सलाह दें कि वो अपनी फिल्मों या वेब सीरीज में सेना के बारे में दिखाने के पहले रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लें। उनको ये सलाह देने की अपेक्षा भी की गई कि सेना की नकारात्मक छवि दिखाने से बचें। सेना ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को पत्र लिखकर अपनी अपेक्षाएं साझा कर लीं लेकिन रक्षा मंत्रालय से एक चूक हो गई।
रक्षा मंत्रालय से सक्षम अधिकारियों को ये पता होना चाहिए था कि वेब सीरीज या ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाली फिल्में या अन्य सामग्रियां केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के दायरे में नहीं आती हैं। इस पत्र का कोई अर्थ है भी नहीं। 27 जुलाई को रक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को पत्र लिखा और 12 अगस्त को गुंजन सक्सेना को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई जिसके कुछ दृश्यों पर भारतीय वायुसेना को आपत्ति है।
इस फिल्म पर भारतीय वायुसेना की आपत्तियों के विश्लेषण से दो बातें सामने आती हैं, पहली तो ये कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने रक्षा मंत्रालय की अपेक्षा के अनुसार सभी फिल्म और वेब सीरीज प्रोड्यूसर्स को सलाह नहीं दी कि वो सेना या वायुसेना या नौसेना के बारे में किसी भी तरह के कटेंट को सार्वजनिक करने से पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र लें। दूसरी बात ये हो सकती है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने सलाह दी हो लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि निर्माताओं को ये आवश्यक नहीं लगा हो क्योंकि जहाँ तक कानूनी बंदिशों की बात है ऐसा कुछ स्पष्ट नहीं है