
‘भारतेन्दु हरिश्चन्द की कालजयी कृति “अंधेर नगरी”
कथासार
अंधेर नगरी आधुनिक नाटक के अद्वितीय सूत्रधार ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द की कालजयी कृति है। इस नाटिका के माध्यम से नाटककार ने तत्कालीन भारत देश में व्याप्त गोरी सरकार के अनीतिपूर्ण शासन पर कटाक्ष किया था, परंतु सृजन के इतने वर्षों बाद भी ‘अंधेरी नगरी’ अभी तक ताजा और प्रासंगिक है।
अपने दो खेलों गोवर्धनदास और नारायणदास के साथ गुरुजी पहुंचते हैं एक ऐसे देश में जिसका नाम था ‘अंधेर नगरी और जिसे चलाता था चौपट राजा’ जहां भाजी भी बिकती थी टके सेर और टके सेर ही विकता का मीठा खाजा
‘


गुरुजी के मना करने के बाद भी गोवर्धन रुक जाता है ‘अंधेर नगरी’ में इधर गिर जाती है एक दीवार और दबकर मर जाती है एक अदद बकरी मामला पेश होता है ‘चौपट राजा’ के दरबार में और मुकदमा दर-मुकदमा आगे बढ़ते-बढ़ते पकड़ लिया जाता है गोवर्धन दास को और उसे मिलता है मृत्युदंड ।
बेचारा गोवर्धन पुकारता है अपने गुरुजी को गुरुजी आते हैं और मुझते हैं एक ऐसी अनोखी तरकीब कि सटा के लिए

छुटकारा मिल जाता है और राजा खुद को फाँसी पर चढ़ जाता है। ‘अंधेर नगरी’ अपने सहज-सरल संवादों, हास्य-व्यंग्य को परिपूर्णता और सुकोमल पद्धति से सटीक संदेश प्रसारण के गुण के कारण ही बच्चों के लिए आमतौर पर चुनी जाती है। बच्चे स्वभावतः चंचल होते हैं और पढ़ाई-लिखाई के वनस्पत खेलना-कूदना अधिक पसंद करते हैं। ‘अंधेर नगरी’ बच्चों को हंसी-खेल, उछल-कूद और बालसुलभ क्रियाकलापों के माध्यम से नाट्यकला में परिचय प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर देता है। बच्चे स्वधि के साथ इस नाटक के द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से हँसते-खेलते हुए शुद्ध उच्चारण, अनुशासन शरीर नियंत्रण के गुर सीखते हैं और उनमें आत्मविश्वास का विकास होता है।
पात्र-,गोपी कुमार, प्रिंस राज, (1 सुजाता कुमारी ,नेहा कुमारी,सिमरन कुमारी,(,गोवर्धन दास ,नारायण दास , विवेक ,मुस्कान कुमारी रिंकी कुमारी नेहा कुमारी (1) मुस्कान कुमारी/सिमरन कुमारी नेहा कुमारी ,,विवेक कुमार गोपी ,विवेक कुमार. रोहित मेहता .हर्ष कुमार / बादल कुमार/,-शशि कुमार/सहयोगी कलाकार/साजन कुमार, शशी कुमार, हर्ष कुमार, रिया कुमारी, शिवम कुमार, शिव कुमार, कुमार गौरव सिन्हा, आदित्य कुमार/ठाकुर, आयुष कुमार, नितिश कुमार, आशिक कुमार, अंकित कुमार, बादल कुमार, आदित्य राज, रौनक कुमार,/आर्यन कुमार आदि ।/संगीत – राजु मिश्रा/लेखक भारतेन्दु हरि निर्देशन सुरेश कुमार /हारमोनियम – रोहित चन्दा चंदन उगना नाल स्पर्श मिश्रा/चन्दन घोष