
नुक्कड़ नाटक // एच० एम० टी०, पटना की प्रस्तुति अंधेर नगरी @ प्रांगण द्वारा आयोजित पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव 2022-23
अंधेर नगरी
लेखक : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
निर्देशक: सुरेश कुमार हज्जु
कथासार
अंधेरी नगरी आधुनिक नाटक के अद्वितीय सूत्रधार ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द’ की कालजयी कृति है। इस नाटिका के माध्यम से नाटककार ने तत्कालीन भारत देश में व्याप्त गोरी सरकार के अनीतिपूर्ण शासन पर कटाक्ष किया था, परंतु सृजन के इतने वर्षों बाद भी ‘अंधेरी नगरी’ अभी तक ताजा और प्रासंगिक है।
अपने दो चेलों गोवर्धनदास और नारायणदास के साथ गुरूजी पहुँचते हैं एक ऐसे देश में जिसका नाम था ‘अंधेरी नगरी और जिसे चलाता था ‘चौपट राजा’ जहाँ भाजी भी बिकती थी टके सेर और टके सेर ही बिकता था मीठा खाजा। गुरूजी के मना करने के बाद भी गोवर्धन रूक जाता है ‘अंधेरी नगरी में।
इधर गिर जाती है एक दीवार और दबकर मर जाती है एक अदद बकरी । मामला पेश होता है ‘चौपट राजा’ के दरबार में और मुकदमा दर-मुकदमा आगे बढ़ते-बढ़ते पकड़ लिया जाता है गोवर्धन दास को और उसे मिलता है मृत्युदंड बेचारा गोवर्धन पुकारता है अपने गुरूजी को, गुरूजी आते हैं और सुझाते हैं एक ऐसी अनोखी तरकीब कि सदा के लिए मिल जाता है और राजा खुद को फाँसी पर चढ़ जाता है।

पात्र-परिचय
राजा – गोपी कुमार, मंत्री-रोहित मेहता, सिपाही (1) सुजाता कुमारी, सिपाही (2)- नेहा कुमारी. गुरुजी- सिमरन कुमारी, गोवर्धन दास-विवेक कुमार, नारायण दास मुस्कान कुमारी, बकरीवाली रिंकी कुमारी / नेहा कुमारी (1) मछली वाली मुस्कान कुमारी / सिमरन कुमारी / नेहा कुमारी (2) चना वाला-विवेक कुमार,
कबाब वाला – गोपी कुमार चुड़न वाला-विवके कुमार सपेरा रोहित मेहता, साँप – हर्ष कुमार / बादल कुमार /

शशि कुमार । सहयोगी कलाकारः- साजन कुमार शशी कुमार, हर्ष कुमार, रिया कुमारी, शिवम कुमार, शिबू कुमार, कुमार गौरव सिन्हा,
आदित्य कुमार ठाकुर, आयुष कुमार, नितिश कुमार, आशिक कुमार, अंकित कुमार, बादल कुमार, आदित्य राज, रौनक कुमार, आर्यन कुमार आदि।
संगीत – राजु मिश्रा, हारमोनियम- रोहित चन्द्रा / चंदन उगना, नाल-स्पर्श मिश्रा / चंदन घोष ।