
पटना 7/5/2020प्रत्येक वर्ष शिक्षायतन कवि गुरु रविंद्र नाथ टैगोर की जन्म दिवस को सांस्कृतिक धरोहर दिवस के रूप में मनाता आया है। इस वर्ष भी इस समारोह को बड़े हर्षोल्लास से शिक्षायतन के कला, नृत्य, अभिनय व साहित्य के सभी प्रशिक्षुओ तथा गुरुजन ने ऑनलाइन अपने अपने घरों से प्रस्तुति दी।अनन्य अपूर्वा ने पदावली के सुंदर गीत सुनलो सनालो राधिका…. गीत तथा इशा, पायल, श्रुति ने धितांग धितंग बोले…. मधुर बंगला लोक गीत पर नृत्य किया।
अंबिका कुमारी व अनन्या ने टैगोर के लिखे वन्दे मातरम् राष्ट्रीय… गीत को गाया।
शबनम चौधरी, पं० सुमित कुमार ‘ पीयूष ‘, मनोज कुमार शर्मा ने कवि गुरु रविंद्र नाथ को समर्पित अपनी काव्य रचना से वंदन किया।
शांभवी वत्स ने अपने सुंदर आलेख को ग्रुप में पढ़कर टैगोर के जीवन वृंत को याद करते हुए श्रद्धांजलि सुनाया।

वहीं नृत्यांगना यामिनी ने अपनी विभिन्न कला के माध्यम से गुरु रविंद्र नाथ टैगोर के जन्म उत्सव को श्रद्धा से मनाया। सुश्री यामिनी ने अपनी मूर्त चित्रकारी (abstract painting) में नृत्य करती लडकी को दिखाया। अपनी ही रचना जो कविगुरु रवीन्द्रनाथ की लेखनी से प्रभावित मानती हैं, उनके शब्द भाव में लिखी दो कविताएं “मुझमें इतनी समर्थ कहां” और “उच्य आकांक्षा की सीढ़ी” पढ़कर सुनाया। दोनों ही कविताओं में सब इच्छा ईश्वर पर निर्भर है। हम असमर्थ है और धैयरहित भी आप ही दुखो से पार लगा सकते हो। आप चाहो तो दिन में खिलने वाले पुष्पों को रात में भी खिला सकते हो।

वर्तमान स्थिति में कोराना कि भयावह स्थिति में ईश्वर का गुणगान की गई है। वहीं नृत्यांगना ने नृत्य के माध्यम से टैगोर के लिखे गीत “आगुनेर पराश मणि छुओ प्राण..” हे ईश्वर मेरे प्राणों को छूकर आशीर्वाद दे। अपने देवालय में आश्रय देकर मुझे अपना प्रदिप्त प्रदान करें आदि भाव निहित है। उसकी नृत्यमय भाव प्रार्थना प्रस्तुति दे कोराना महामारी से उबरने की कामना किया।
उपस्थित ग्रुप में सभी कलाकारों, अभिभावकों, दर्शकों ने खूब सराहा और आंनद उठाया।
कलाकार: अनन्या अपूर्वा, श्रुति पायल, ईशा, अंबिका, अनन्या, शबनम चौधरी, पंडित सुमित कुमार पीयूष, मनोज कुमार शर्मा, शांभवी वत्स, आदि थे।
