प्रांगण द्वारा आयोजित पाटलिपुत्र नाट्य महोत्सव 2022-23 के चौथे दिन (5 फरवरी 2023) संस्कार भारती नाट्य केंद्र, आगरा, उत्तर प्रदेश की प्रस्तुति
गधे की बारात

गधे की बारात
नाटककार : हरी भाई बड़गांवकर
निर्देशकः चन्द्रशेखर बहावर

कथासार
वर्ग विभाजन एवं शोषित समाज के हृदय का दर्द जैसे न समाप्त होने वाला घाव है। सामाजिक ताना-बाना और राजनीतिक दुष्चक्र इसमें घी का ही काम करते रहे हैं। इसलिए कभी-कभी शुद्ध अंतःकरण से किया गया प्रयास भी विफल होता रहा है और खाई को पाट नहीं पाया है। समस्या और विकराल होती चली गयी है। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, किंतु वर्गीय खाई नहीं पाट सकीं। इसी विषय-वस्तु को मनोरंजक शिल्प में नाटक में दिखाने की कोशिश की गयी है। इसके लिए भगवान इंद्र द्वारा शापित चित्रसेन की पौराणिक कथा का सहारा लिया गया है। चित्रसेन मृत्युलोक में गधा बनकर अवतरित होता है। राजनैतिक ताने बाने के कारण राजकुमारी प्रियदर्शनी से उसका विवाह होता है। और फिर….

मंच पर
कल्लूः पंकज शर्मा,
गंगी : निमिषा जैन,
राजा : चंद्रशेखर बहावर, दीवान : राहुल शर्मा, बृहस्पति : मोंटी, राजकुमारी: दिव्यता,
इंद्र : अरुण भारद्वाज, चित्रसेन : दिव्यांश मिश्रा, जासूस/डोंडी वाला :ओम गुप्ता,
द्वारपाल : करण यादव,

नेपथ्य
संगीत : दीपक जैन और पुनीत कपूर

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