कितना असरदार रहा, बिहार जन संवाद के जरिए ,बीजेपी की डिजिटल रैली का प्रयोग

from the desk of executive editor

निशांत करपटने पटना7 जून की डिजिटल रैली,  जिसे बडे  दमखम से  बीजेपी ने प्रचारित और  प्रसारित किया  था  वो  कितनी कारगर रही  है ,  आज  ये सवाल सभी बिहार वासियों के मन में कौंध रहाहै !
हलाकि ,बीजेपी के रणनीतिकार और गृहमंत्री अमित शाह ने पुरज़ोर कोशिश किया कि यह रैली अराजनैतिक कहलाये, लेकिन उनहोंने जिस तरीके से राजनैतिक विरोधियों पर सवाल उठाये और हमला किया !  उससे  साफ जाहिर होता  है कि गैर राजनैतिक नाम   भले  ही इसे बीजेपी ने दिया हो  !              मगर इस डिजिटल रैली का लब्बो लुआब चुनावी और राजनैतिक ही  था  बीजेपी ने बहत्तर हज़ार बूथों, 9547 शक्ति केद्रों और अपने संगठन के 1099 मंडलों को डिजिटल रैली से जोड़ने केलिए एकटिवेट किया था  जो   अपने में अभूतपूर्व है! मगर फिर जनता के जेहन में सवाल उधम मचा रहा है कि क्या डिजिटल रैली अपने मंसूबों और मकसद  में  कामयाब रहा और जनता सच में इस रैली में भागीदारी कर पायी है  


कल  ,रैली के दरमियान लगभग साढ़े चार बजे शाम की पडताल में , जो डाटा और सटैटिकस  निकल कर आये !  उससे जो तस्वीर बन रही है  !  वो ऐसी है कि लगभग साढ़े चार बजे   शाम  में बीजेपी टयूटर हैंडल से456 लोग जुड़े पाये गये लाइव फेसबुक से तकरीबन बीस हज़ार और यूट्यूब पर करीब  16956 लोग दिखाई दिए यानि कुल मिलाकर साढ़े चार बजे के आसपास पचास हजार से भी कम लोग इस डिजिटल रैली में भागीदारी करते नज़र आये थे ! इस पडताल से साफ है कि आम अवाम बिहार में पारंपरिक तौर तरीकों से किये गए राजनैतिक गतिविधियों से बेहतर जुड पाते हैं डिजिटल दुनिया आज भी आम जनता से थोड़ी दूर है

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