Nishant Karpatne:
बिहार में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों ने हर तरफ खलबली मचा रखी है अब तो बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित भी हो रहे हैं. यही वजह है कि हॉस्पिटल्स में बेड की संख्या कम पर गई है. इसे ध्यान में रखते हुए ईस्ट सेंट्रल रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है. पटना जंक्शन समेत बिहार के 15 स्टेशनों पर आइसोलेशन के लिए 300 कोच खड़े किए जाएंगे. ईस्ट सेंट्रल के सीपीआरओ राजेश कुमार के अनुसार पटना, सोनपुर, नरकटियागंज, जयनगर, रक्सौल, बरौनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, सीवान, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, छपरा, कटिहार एवं भागलपुर स्टेशनों पर आइसोलेशन कोच खड़े किए जाएंगे. हर स्टेशन पर आइसोलेशन के लिए ट्रेन की पूरी एक रेक होगी. इसमें कुल कोच की संख्या 20 होगी. इस व्यवस्था से कोरोना पीड़ित या संदिग्ध के इलाज में काफी मदद मिलेगी.
कोविड केयर कोच में सामान्य श्रेणी के 20 कोच हैं. प्रत्येक कोच में 16 मरीजों को रखा जाएगा. प्रत्येक 5 कोच के बाद 1 Ac कोच होगा. Ac कोच डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मियों के उपयोग के लिए होंगे. कोविड केयर कोच में ऑक्सीजन सिलेन्डर की व्यवस्था रेल मंत्रालय द्वारा की गई है. साथ ही इसमें पर्याप्त संख्या में पंखा, पानी, शौचालय की व्यवस्था की गई है.
सीपीआरओ के अनुसार भारतीय रेल द्वारा पूर्व में ही चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन कोच तैयार किए जा चुके हैं, जिसे अब राज्य सरकार की मांग पर स्टेशनों पर खड़ा किया जा रहा है. गौरतलब है कि पूर्व मध्य रेल द्वारा 269 कोचों को आइसोलेशन कोच के रूप में पहले ही परिवर्तित किया जा चुका है.
रेल प्रशासन एवं राज्य सरकार मिलकर कोविड केयर कोच के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेंगे. आइसोलेशन के लिए तैयार किए गए इन कोचों को प्रयोग के लिए सौंपे जाने के समय इसके कीटाणुशोधन एवं साफ-सफाई का कार्य रेलवे द्वारा किया गया जाएगा. जबकि प्रयोग के दौरान एवं इसके पश्चात् कीटाणुशोधन एवं साफ-सफाई की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी.
इसी तरह मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट तथा अन्य चिकित्सा सामग्री राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाना है, जबकि कोच के रख-रखाव के लिए तैनात स्टाफ को यह सुविधा रेलवे प्रदान करेगी. मरीजों के लिए दवा, चिकित्सा सामग्री, ऑक्सीजन सिलेंडर एव इससे जुड़ी अन्य सामग्री, खान-पान, शुद्ध पेयजल, आवश्यकता पड़ने पर पानी का टैंकर, बॉयो टॉयलेट, कचरों का संग्रहन एवं इसका निपटारा आदि राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा. जबकि कोचों में लिनन की व्यवस्था, पानी भरने, विद्युत आपूर्ति, बुनियादी ढांचे का रख-रखाव, संचार एवं सुरक्षा की जिम्मेवारी रेल प्रशासन की होगी.
रेलवे तथा राज्य सरकार के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए संबंधित जिला के सिविल सर्जन नोडल पदाधिकारी की भूमिका निभाएंगे. नोडल पदाधिकारी अपने-अपने जिलान्तर्गत चिन्ह्ति रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करेंगे तथा कोविड-19 के प्रबंधन हेतु निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत राज्य सरकार के उत्तरदायित्वों के संबंध में आवश्यक तैयारियों आदि से रेल अधिकारियों एवं राज्य मुख्यालय को अवगत कराएंगे.