
क्रांतिधरा के गुमनाम बलिदानियों को नमन करने हेतु क्रांतितीर्थ प्रतियोगिता
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित सोशल एंड कल्चरल स्टडीज ,इंडिया एवं संस्कार भारती, बिहार प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में क्रांतिधरा के गुमनाम बलिदानियों को नमन करने हेतु पटना जिला के क्रांतितीर्थ प्रतियोगिता में विविध प्रकार के प्रतियोगिता, संगोष्ठी एवं पुरस्कार वितरण आज शनिवार, 29 जुलाई 2023 को राजेंद्र नगर स्थित प्रेमचंद रंगशाला के सभागार में संपन्न हुआ ।किशोर, युवा एवम सामान्य श्रेणी वर्ग के विविध प्रतियोगिता में 22 स्कूलों , 6 कालेज , 4 कोचिंग संस्थान सहित के कुल 42 संस्थानों के तीन हजार छात्रों ने सहभागिता किया।प्रतियोगिता के पश्चात स्वतंत्रता आंदोलन में मगध भूमि विषय पर केंद्रित संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्तव्य देते हुए संजीव कुमार ( संपादक, विश्व संवाद केंद्र ) ने पटना केंद्रित बटुकेश्वर दत्त के प्रसंग का उल्लेख किया जिनमें उन्होंने बताया की उस समय मछुआ टोली स्थित दुर्गा मंदिर क्रांतिकारियों के बम बनाने का गढ़ हुआ करता था।



संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.तपन कुमार शांडिल्य ( कुलपति, श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्विद्यालय, रांची ), अध्यक्ष श्री पवन केजरीवाल ( सदस्य, दधीचि देहदान समिति ) , आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रख्यात लोकगायिका डॉ. नीतू नवगीत, , उत्कर्ष आनंद ( गुमनाम शहीद के लेखक), ऋषिकेश नारायण सिंह ( संपादक,भारत वार्ता ) भावना शेखर, संस्कार भारती पटना के कार्यकारी अध्यक्ष पंकज कुमार उपस्थित रहे।
क्रांतितीर्थ प्रतियोगिता के इस समारोह में प्रख्यात लोकगायिका रंजना झा,नीतू कुमारी नूतन, पल्लवी विश्वास, सुदीपा घोष, समेत अन्यान्य विशिष्ट व्यक्तित्व उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के संयोजक जितेंद्र चौरसिया ने कहा कि परिणाम की घोषणा देर तक की गई।
समूह गायन मे प्रथम पुरस्कार सिस्टर निवेदिता बालिका विद्यालय, द्वितीय केशव विद्या मन्दिर, तृतीय सिमेज कॉलेज को, इसके अलावे नगर के कुछ प्रमुख संस्थानों जैसे मदर इंटरनेशनल, द त्रिभुवन, टी पी एस कॉलेज, लॉयला हाई स्कूल, मगध महिला कॉलेज के प्रतिभागियों ने पुरस्कार बटोरा

और सचिवालय पर झंडा फहरा ही दिया गया
पटना सचिवालय गोलीकांड विशेष
अंग्रेजों के विरुद्ध अगस्त क्रांति में 11 अगस्त 1942 को गोरे पुलिस की भयंकर गोलीबारी से भी क्रांतिकारियों के कदम नहीं रुके। जब एक गिरता तो दूसरा जमीन पर गिरने से पूर्व झंडा उठा लेता था। पटना सचिवालय पर तिरंगा फहराते हुए 7 नौनिहाल छात्र घटनास्थल पर ही शहीद हो गए थे और लगभग 25 गम्भीर रूप से घायल हुए।
वे शहीद थे…
1 उमाकान्त प्रसाद सिन्हा, पिता रामकुमार सिन्हा, ग्राम-नरेन्द्रपुर, डाकघर हुसेनगंज, थाना-दरौली, जिला-सारन ( राममोहन राय सेमिनरी की 11 वीं कक्षा का छात्र ) ।
2 रामानन्द सिंह, पिता लक्ष्मण सिंह, ग्राम-शहादत नगर, थाना-मसौढ़ी, जिला-पटना (राममोहन राय सेमिनरी, पटना की 11 वीं कक्षा का छात्र) ।
3 सतीश प्रसाद झा, पिता श्री जगदीश प्रसाद झा, ग्राम-खड़हरा, थाना- बाँका, जिला – भागलपुर ( पटना कॉलेजिएट स्कूल की 11 वीं कक्षा का छात्र ) ।
4 जगपति कुमार, पिता श्री सुखराज बहादुर, ग्राम-खराठी, थाना- ओबरा, जिला-गया ( बी. एन. कॉलेज के द्वितीय वार्षिक श्रेणी का छात्र ) ।
5 देवीपद चौधरी, पिता देवेन्द्र नाथ चौधरी, ग्राम-जमालपुर, थाना- विश्वनाथ, जिला-सिलहट ( मिलर हाई स्कूल के 9 वाँ क्लास का छात्र )।
6 राजेन्द्र सिंह, पिता श्री शिवनारायण सिंह, ग्राम- बनवारीचक थाना- सोनपुर, जिला-सारन ( पटना हाई स्कूल के 11 वीं कक्षा का छात्र )।
7 रामगोविन्द सिंह, पिता देवकी सिंह, ग्राम- दशरथ, थाना-फुलवारी, जिला-पटना ( पुनपुन हाई स्कूल की 11 वीं कक्षा का छात्र )।
11 अगस्त के सचिवालय गोली कांड में छात्रों की शहादत ने प्रान्त भर में आजादी की लड़ाई में एक नई जान डाल दी। उससे जो लपटें उठी ये मानो भारत के आत्मनिर्णय का अधिकार हासिल करने के मार्ग में जो भी बाधाएँ अथवा बाधक थीं उन्हें भस्मसात् कर देनेवाली थीं। सचिवालय के फाटक पर शहीद होनेवाले छात्र वस्तुतः “करो या मरो” के प्रतीक बन गये। उनसे प्रेरणा लेकर आजादी की लड़ाई में असंख्य नौजवान कूद पड़े।