Department of Home Science, Patna Women’s College celebrated National Nutrition Month on 27thSeptember, 2023. Competition was organized on the Topic: Local and Affordable Super Foods.…
पटना : प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शामायल अहमद ने बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर से सचिवालय में मुलाकात…
कथाकार सुरेन्द्र वर्मा के लिखे मरणोपरांत नाटक में कुछ ऐसी बातों का एहसास कराया जो हम जीवन में बोल नहीं पाते और ना कर पाते हैं। यह नाटक शुरू होता है दुर्घटना में एक महिला की आकस्मिक मौत से। शुरू में ये नाटक दो ऐसे व्यक्तियों के इर्द-गिर्द घूमता है जो एक युवती के मरने के बाद पहली बार मिल रहे हैं। एक व्यक्ति, मृतक युवती का पति है तो दूसरा प्रेमी। पति को युवती मौत के बाद उसके पर्स में मिली एक निशानी से प्रेमी के बारे में पता चलता है वह उसे फोन करके मिलने के लिए बुलाता है। एक पति और एक प्रेमी के द्वंद्व को संवादों के माध्यम से दर्शाया है। पूरे नाटक में स्थितियों-परिस्थितियों का तालमेल ऐसा बन पड़ता है कि दोनों पुरूषों के मन में उस युवती की याद से जुड़े हर रंग ताजा हो जाते हैं। पति को स्वीकार करना पड़ता है कि उसकी पत्नी उससे खुश नहीं थी जिसका एहसास वो पहले भी कर चुका है लेकिन उसके प्रेमी से मिलने के बाद यह बात पुख्ता हो जाती है। अंत में दोनों का अंतरद्वंद्व उन्हें झकझोरता है।
पहला व्यक्ति :- राजवीर गुंजन कुमार दूसरा व्यक्ति :-विष्णु देव कुमार प्रेमिका :- सोनम प्रेमिका वॉइस ओवर :- अमरीन होटल का मालिक :- सौरभ सिंह होटल मैनेजर :- अविराज कपूर वेटर :- विक्की दांगी सेक्सोफ़ोन प्लेयर :- आशीष दीक्षित होटल में कस्टमर :- मुस्कान, अनामिका, सुप्रीया, मुकेश और मणिकांत