रागा पटना की प्रस्तुति नाटक : मिराज



कालिदास रंगालय, गांधी मैदान, पटना

कथासार
नाटक मिराज अनन्या मुखर्जी की कैंसर डायरी ठहरती साँसों के सिरहाने से ज़िन्दगी जब मौज ले रही थी की नाट्य प्रस्तुति है ।
अनन्या ने अपनी कैंसर डायरी में कैंसर से जुडे अपने अनुभवों और कैंसर का मुक़ाबला करने के तरीक़ों के बारे में बताया है। अपने इलाज के दौरान पचास से अधिक बार वह कीमोथेरेपी से गुजरती है, फिर भी ज़िन्दगी, उसके अस्थायी स्वरूप,उसकी नज़ाक़त, लोगों और उनके सामाजिक मूल्यों के सन्दर्भ को बढ़ा-चढ़ा कर बताए जाने वाले गुणों को ठेंगा दिखाती रही। आनन्द भरी ज़िन्दगी को उसने अपने लिए चुना। मानो वह कह रही है . . . जीवन एक पल में पूरा जिया जा सकता है या फिर पूरा जीवन बेमतलब भी हो सकता है। खुशनुमा ज़िन्दगी जीती और कैंसर से लड़ती हुई 2018 में अंततः वह अपनी लड़ाई हार जाती है ।

मंच पर
दीक्षा तिवारी ( एन॰एस॰डी॰)

मंच परे
डिज़ाइन : विशाला आर महाले
साउंड : राजीव कुमार
सेट : प्रबोध विश्वकर्मा
प्रस्तुति प्रबंधक : सुनील कुमार राम
प्रकाश : रणधीर कुमार
प्रस्तुति सहयोग : आदिल रशीद,भूपेंद्र कुमार,अंजलि शर्मा, सुधांशु शेखर
सह-निर्देशक : राजीव कुमार
सहयोग : उज्ज्वल, सोनू, बीरबल, राजकुमार, संजय, उपेंद्र
पब्लिसिटी : मनीष महिवाल

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