पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम पटना में मनाई गयी

निशांत करपटने संवाददाता पटना 
माने हुए अंतर्राष्ट्रीय हस्ती  ,  गुट निरपेक्ष आंदोलन के प्रणेता, आधुनिक भारत के शिल्प कार, जिन्होने 17 बार लाल किले पर झंडा फहराया और प्रजातान्त्रिक मुलयों तथा आधुनिक वैज्ञानिक सोच वाले  स्वतंत्र  भारत की आधारशिला को मजबूत किया, उस युगद्रष्टा पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि आज कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम, पटना में सादगीपूर्ण माहौल में काग्रेंस सेवादल के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने मनाया! पंडित नेहरू के चित्र पर कांग्रेस जनों ने माल्यार्पण कर श्रधांजलि अर्पित किया और उनके द्वारा बताये सर्व धर्म समभाव एवं वैज्ञानिक सोचवाले भारत को मजबूत करने का संकल्प लियासोशल डिसटेंसिग की आवश्यकता महसूस करते कांग्रेस जनों ने दूर दूर खड़े होकर नियम पूर्वक श्रद्धा सुमन अर्पित किए 
कांग्रेस सेवादल के ध्वज प्रभारी सरदार हीरा सिंह बगगा, अरविंद कुमार, विपीन झा, प्रेम तिवारी, आबिद हुसैन, सुनिल निराला एवं लाछो  देवी ने पुण्यतिथि कार्यक्रम में बढ चढ कर भूमिका का निर्वाह किया और कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरु सेवादल के सिरमौर रह चुके हैं और वैसे राष्ट्र नायक के द्वारा पोषित कांग्रेस सेवादल का समर्पित कांग्रेसी होना गौरव की बात है! 

कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय सचिव एवं बिहार प्रदेश प्रभारी श्री बलराम सिंह भदोरिया और अन्य राष्ट्रीय सचिव श्री संतोष कुमार श्रीवास्तव ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए और सेवादल के लोगों को पंडित जवाहरलाल नेहरू के सच्चे अनुयायी बनने का संदेश दिया!  श्री बलराम भदोरिया ने वक्तव्य जारी कर कहा कि पंडित नेहरू ने  देश के विकास की बुनियाद रखी। आज विकास की सहभागी तमाम प्रमुख संस्थाएं उनकी ही देन हैं। पंडित नेहरू तीसरी दुनिया के देशों के निर्विवाद नायक थे। हमारे लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत बनाने में उऩके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। स्वाधीनता आंदोलन के अग्रणी नायक पंडितजी अपनी राजनीति की शुरूआत सीधे ऊपर से नहीं बल्कि मुहल्ले और नगरपालिका से करते हैं।  उनके किए कामों को कोई भी नजरंदाज नहीं कर सकता। इस नाते उनको दलीय राजनीति से परे राष्ट्रनायक के रूप में देखना चाहिए। यह नहीं भूलना चाहिए कि वे गांधी की पंसद थे, राष्ट्रपिता की। कोई कितना भी बड़ा बन जाये उनसे बड़ा नही बन पाएगा।

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