
प्राईवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद की अगुवाई में प्रेस वार्ता
प्रेस वार्ता
प्राईवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद की अगुवाई में आज प्रदेश के 38 ज़िलों के मुख्यालयों में एसोसिएशन के जिला अध्यक्षों ने प्रेस वार्ता करके लाकडाऊन एवं कोरोना वायरस महामारी के कारण प्राईवेट स्कूलों के सामने आई समस्याओं की जानकारी देते हुये माननीय मुख्यमंत्री से एक वर्ष की विशेष आर्थिक सहायता की मांग की है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने कहा कि पूरे प्रदेश मे एसोसिएशन से जुड़े 25 हजार निजी विद्यालय के संचालक एवं शिक्षक एक लाख पत्र मुख्यमंत्री को भेजेंगे और उनको प्राईवेट स्कूलों, कर्मचारियों और उनसे जुड़े लगभग दस लाख परिजनों के सामने उत्पन्न कठिनाईयों व परेशानियों से अवगत करायेंगे। प्राईवेट विद्यालयों को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षण शुल्क ही एकमात्र साधन है। मार्च महीने से लॉकडाउन के कारण एवं अभिभावकों की आर्थिक स्थिति भी खराब होने से सभी विद्यालयों में शिक्षण शुल्क का संग्रह नहीं हो पाया है, जिसके कारण शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को वेतन दे पाना और सभी के लिए जीवनयापन करना अब असंभव हो गया है। इस स्थिति में भी शिक्षकगण कड़ी मेहनत करके ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो।
शमायल अहमद ने कहा कि वेतन के अतिरिक्त हर विद्यालय के अन्य आवश्यक मासिक खर्चे भी हैं जैसे बिल्डिंग का किराया, बैंक के लोन की मासिक किस्त, मेंटेनेंस, गाड़ियों की ईएमआई, बिजली का बिल इसके अलावा सभी टैक्स जिसमें कोई छूट नहीं दी गई है, इसके कारण प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक, शिक्षक एवं कर्मचारी अत्यंत मानसिक तनाव में हैं, जो बेहद जानलेवा है। अगर तुरंत विशेष आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी तो अब तक लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं और आने वाले दिनों में बचे हुए लोग भी बेरोजगार हो जायेंगे।
शमायल अहमद ने विशेष आग्रह किया है कि ट्रांसपोर्ट पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को माफ़ किया जाये और इएमआई पर लगने वाले ब्याज को नहीं लिया जाये।
शमायल अहमद ने माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इसे तुरंत संज्ञान में लेते हुये सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों को उसके बच्चों की संख्या अनुसार विद्यालय अकाउंट में एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता ट्रांसफर करने का प्रावधान बनाएं और पैसा तुरंत ट्रांसफर करने का कष्ट करें ताकि सभी को वेतन दिया जा सके। सरकार की ओर से कोई दिशानिर्देश ना होने की वजह से अभिभावकों एवं विद्यालय के बीच तनाव की स्थिति उतपन्न हो रही है इस पर सरकार को अविलंब दिशा निर्देश देने की जरूरत है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसोसिएशन के महासचिव शैलेश प्रसाद सिंह,प्रेम रंजन सिंह, राजेश कुमार सिंह, अभिषेक कुमार सिंह,बी प्रियम, विकास सिंह, अमरिंदर मोहन राहुल कुमार, विवेक सिंह, अमन कुमार सिंह, कन्हैया कुमार, सुनील कुमार सिंह,अरुण कुमार सिंह, इफत रहमान, विशाल सिंह, अच्युत सिंह, मोहम्मद अनवर मिस्टर अब्राहम अल्बर्टा उपस्थित थे

letter to chief minister
: सेवा में,
माननीय मुख्यमंत्री जी,
बिहार सरकार।
विषय:- सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए एक वर्षीय विशेष आर्थिक सहायता हेतु निवेदन।
आदरणीय मुख्यमंत्री जी,
मैं, सैयद शमायल अहमद, राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े लगभग 25000 प्राइवेट विद्यालयों उनके प्रबंधको, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं उनके लगभग दस लाख परिजनों की ओर से वर्तमान परिस्थिति में उत्पन्न हुई परेशानियों को आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं।
- प्राईवेट विद्यालयों को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षण शुल्क ही एकमात्र साधन है। मार्च महीने से लॉकडाउन के कारण एवं अभिभावकों की आर्थिक स्थिति भी खराब होने से सभी विद्यालयों में शिक्षण शुल्क का संग्रह नहीं हो पाया है, जिसके कारण शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को वेतन दे पाना और सभी के लिए जीवनयापन करना अब असंभव हो गया है। इस स्थिति में भी शिक्षकगण कड़ी मेहनत करके ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो।
- वेतन के अतिरिक्त हर विद्यालय के अन्य आवश्यक मासिक खर्चे भी हैं जैसे बिल्डिंग का किराया, बैंक के लोन की मासिक किस्त, मेंटेनेंस, गाड़ियों की ईएमआई, बिजली का बिल इसके अलावा सभी टैक्स जिसमें कोई छूट नहीं दी गई है, इसके कारण प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक, शिक्षक एवं कर्मचारी अत्यंत मानसिक तनाव में हैं, जो बेहद जानलेवा है। अगर तुरंत आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी तो अब तक लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं और आने वाले दिनों में बचे हुए लोग भी बेरोजगार हो जायेंगे।
- आपसे विशेष आग्रह है कि ट्रांसपोर्ट पर लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को माफ़ किया जाये और इएमआई पर लगने वाले ब्याज को नहीं लिया जाये।
अतः सविनय प्रार्थना है कि इसे तुरंत संज्ञान में लेते हुये सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों को उसके बच्चों की संख्या अनुसार विद्यालय अकाउंट में एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता ट्रांसफर करने का प्रावधान बनाएं और पैसा तुरंत ट्रांसफर करने का कष्ट करें ताकि सभी को वेतन दिया जा सके। सरकार की ओर से कोई दिशानिर्देश ना होने की वजह से अभिभावकों एवं विद्यालय के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो रहा है इस पर सरकार को अविलंब दिशा निर्देश देने की जरूरत है। मुझे आप पर पूर्ण विश्वास भी है कि आप प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों, शिक्षकों एवं विद्यालय से जुड़े कर्मचारियों का कष्ट निवारण अति शीघ्र करके उन्हें मानसिक तनाव और भुखमरी से बाहर निकालेंगे। आपसे अति शीघ्र सहयोग की कामना करते हैं