कोरोना वायरस से सुरक्षा एवं बचाव पर आयोजित प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए मुख्यमंत्री

 राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति एवं उसके
बचाव के लिये उठाये गये कदमों की जानकारी दी।
 मनरेगा के तहत 6 करोड़ अतिरिक्त मानव दिवस सृजन की
स्वीकृति की माॅग। साथ ही 100 दिनों की रोजगार
गारंटी की सीमा को बढ़ाते हुये 200 दिन करने की
माॅग।
 प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्राथमिकता
के आधार पर आवास के लिए स्वीकृति का अनुरोध।
साथ ही इसके लिए अतिरिक्त राशि के आवंटन की भी
माॅग।
 राज्य में फूड प्रॉसेसिंग, गारमेंट्स, टेक्सटाइल्स,
लेदर गुड्स, मेडिकल, इलेक्ट्रिकल एवं अन्य उद्योगों
की संभावना है। अगर इसमें केन्द्र सरकार पहल कर
कोई उद्योग लगवाने में मदद करे तो राज्य सरकार 1
हजार एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।

पटना, 17 जून 2020:- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ आज छठी
बार संवाद किया। मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग
में शामिल हुये। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्र और राज्य

सरकारों द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे
कार्यों, रोजगार सृजन के कार्यों एवं कोरोना संक्रमण की अद्यतन
स्थिति के साथ-साथ तथा भविष्य की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की
गई।
मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र
सरकार द्वारा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 के अनुसार जारी
गाईडलाइन का हमलोगों ने अक्षरशः पालन किया है। उन्होंने
कहा कि कोविड-19 की अद्यतन स्थिति को ध्यान में रखते हुये लगातार
नजर रखी जा रही है और उससे बचाव के लिए सभी आवष्यक कदम उठाये जा
रहे हैं। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जा रही है।
30 अप्रैल को जहाॅ 1,446 टेस्ट हो रहे थे, वहीं अब यह संख्या
बढ़कर लगभग 10 हजार प्रतिदिन हो गयी है और इसे 20 हजार करने का
लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि 36 हजार आइसोलेशन बेड्स की
व्यवस्था की गई है और इसे 50 हजार करने का लक्ष्य है। जिला एवं
अनुमंडल स्तर पर बनाए गए कोविड हेल्थ सेंटर में 5,329 बेड्स की
व्यवस्था की गई है जिसे 8,500 तक बढ़ाने का लक्ष्य है। कोविड-19
से गंभीर रुप से संक्रमित राज्य के 3 मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 2,344
बेड्स की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि चिन्हित
क्षेत्रों से आए ।ेलउचजवउंजपब व्यक्तियों की भी योजनाबद्ध तरीके से
टेस्टिंग करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बाहर से आने वाले लोगों के
कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। 30 अप्रैल तक राज्य में
जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या 409 थी, आज की तिथि में वह
बढ़कर 6,889 हो गयी है। इन कुल 6,889 कोरोना पाॅजिटिव
मरीजों में 4,609 ऐसे मरीज हैं जो 03 मई के बाद दूसरे राज्यों
से बिहार आये हैं। उन्होंने कहा कि 03 मई के बाद श्रमिक स्पेशल
ट्रेनों के माध्यम से राज्य में लगभग 21 लाख लोग आए हैं। राज्य
में उनके आने के पूर्व ब्लॉक एवं पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर
बनाए गए। उन्होंने कहा कि बिहार में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर
अपने आप में यूनीक थे। कुल 15,036 ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटरों
में 15 लाख 30 हजार से ज्यादा लोग आवासित रहे, जिन्हें चिकित्सकीय
सुविधाओं के साथ-साथ अन्य सभी जरुरी सुविधाएं दी गई।
क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिनों तक रहने वाले एक व्यक्ति पर सरकार द्वारा
औसतन 5,300 रुपये खर्च किये गये। राज्य के बाहर से आने वाले
लोगों को टेªन किराये के अतिरिक्त 500 रूपये अथवा न्यूनतम 1,000
रूपये की राषि दी गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश के अन्य हिस्सो
में फंसे बिहार के लगभग 21 लाख लोगों को मुख्यमंत्री आपदा
राहत कोष से मुख्यमंत्री विषेष सहायता योजनान्तर्गत उनके खाते

में 1,000 रुपए की राशि अंतरित की गई। उन्होंने कहा कि 1 करोड़
62 लाख राशन कार्डधारी एवं गैर राषन कार्डधरियों के खाते में
1000 रुपए की राशि अंतरित की गई है। सभी सामाजिक सुरक्षा
पेंशनधारियों के खाते में तीन माह की अग्रिम पेंशन भुगतान
किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से
राहत देने के लिए अपने तरफ से 8500 करोड़ रुपए से अधिक की राषि खर्च
कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भी महिलाओं के जन धन
खाते में 500 रुपए की तीन किस्त दी गई है। इसके अलावा उज्ज्वला
योजनान्तर्गत मुफ्त में तीन बार गैस सिलिण्डर दिया गया है। राशन
कार्डधारियों को तीन माह तक उनके निर्धारित राशन चावल/गेहूं
5 किलो तथा 1 किलो दाल मुहैय्या कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर संभावित
कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग
अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों
की संख्या आज तक 6,889 है। इनमें 39 मरीजों की मृत्यु हुई है,
जिनमें अधिकतर अन्य गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित थे। अभी
2073 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। राज्य में कुल कोरोना
संक्रमित व्यक्तियों में से 69 प्रतिशत व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। उन्होंने
कहा कि जहां भी कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाते हैं, वहाॅ
काॅन्टैक्ट टेªसिंग कर उनके आसपास के व्यक्तियों की सघन जांच
करायी जाती है। बिहार में कोरोना पाॅजिटिव पाये जाने पर औसतन
प्रति व्यक्ति 30 से अधिक काॅन्टैक्ट टेªसिंग करायी जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती
महिलायें, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति तथा 10 वर्ष से कम
उम्र के बच्चे-बच्चियों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।
उन्हें अनावश्यक बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।
उन्होंने कहा कि गांव-गांव, कस्बों तक लाउडस्पीकर, पोस्टर एवं
अन्य संचार माध्यमों से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये लोगों
को सतर्क एवं सचेत रहने के लिये जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
लोगों को बताया जा रहा है कि लोगों को कोरोना संक्रमण से
घबराना नहीं है। लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने,
मास्क और सेनिटाइजर का प्रयोग करने का अनुरोध किया जा रहा है।
यहाॅ के लोग जागरूक हैं और सभी तरह की सतर्कता बरत रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे
लोगों से मैंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत
बातचीत की। बातचीत के क्रम में यह जानकारी मिली कि बाहर में उन्हें
काफी कष्ट हुआ और अब वे बिहार के बाहर नहीं जाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि बाहर से आए लोगों का स्किल सर्वे कराया गया है।

हमलोगों की कोशिश है कि मजबूरी में किसी को बिहार से बाहर
नहीं जाना पड़े, लोगों को यहीं रोजगार मिले। मुख्यमंत्री ने
कहा कि देश एक है, नागरिकता एक है, यहां कोई प्रवासी नहीं है।
देश के किसी हिस्से में कोई कहीं जाकर रोजगार कर सकता है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा, सड़क निर्माण कार्य, भवन निर्माण
कार्य, सात निश्चय की योजनाओं, जल-जीवन-हरियाली योजनाओं एवं
अन्य योजनाओं के तहत लोगों को इस अवधि में रोजगार दिए गए
हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि मनरेगा के तहत 6
करोड़ अतिरिक्त मानव दिवस सृजन की स्वीकृति दी जाए। साथ ही 100
दिनों की रोजगार गारंटी की सीमा को बढ़ाते हुये 200 दिन करने
की माॅग की। उन्होंने कहा कि 32 लाख 86 हजार आवास रहित
लोगों का सर्वे कराया गया है। मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि
उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्राथमिकता के
आधार पर आवास के लिए स्वीकृति दी जाए साथ ही इसके लिए अतिरिक्त राशि
के आवंटन की भी माॅग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 लाख से
ज्यादा राशन कार्डधारियों को अभी राशन कार्ड उपलब्ध कराना
है, तभी उन्हें नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट का लाभ मिल पाएगा।
वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पहले के राषन कार्डधारियों का
आंकलन किया गया था लेकिन अब बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए
केंद्र सरकार से इसे स्वीकृत करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमिटी की
बैठक में हमने बैंकों के अधिकारियों को यह सुझाव दिया है कि
एनुअल क्रेडिट प्लान को बढ़ाएं। राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट रेसियो मात्र
43 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाने की जरुरत है। राज्य के बैंकों में यहां
के लोगों का अधिक पैसा जमा होता है जो कि अमीर राज्यों में इसे
खर्च किया जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार एम0एस0एम0ई0 के लिए
निर्धारित की गई राशि को भी बढ़ाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फूड प्रॉसेसिंग, गारमेंट्स,
टेक्सटाइल्स, लेदर गुड्स, मेडिकल, इलेक्ट्रिकल एवं अन्य उद्योगों की
संभावना है। अगर इसमें केन्द्र सरकार पहल कर कोई उद्योग लगवाने
में मदद करे तो राज्य सरकार 1 हजार एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के लिए
तैयार है। उन्होंने कहा कि मेक-इन इंडिया के तहत बिहार में
भी कुछ पहल करने की आवष्यकता है, इसके लिये जी0एस0टी0, आयकर में
छूट दिये जाने पर विचार किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश एकजुट
है। हमारे देश के साथ जो कोई भी समस्या पैदा करने की
कोषिष करेगा तो हम सब एकजुट होकर उसका मुकाबला करेंगे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग की शुरुआत में भारत-चीन सीमा पर स्थित
गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के सम्मान में सभी लोगों
ने खड़े होकर दो मिनट का मौन रखा और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित
की।

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