ये रील नही रियल के हीरो है..नाम है बसंत शर्मा उर्फ बसंत बाबा..जहानाबाद के रहनेवाले है। हर सुबह अपनी साइकिल लेकर निकलते है।साइकिल पर एक बॉक्स लगी होती है जिसपर लिखा होता है “एक रोटी” इसके बाद कई गांव का चक्कर लगाते है हर घर से रोटी और सब्जी दान में लेते है और फिर दोपहर में जहानाबाद अस्पताल या फिर स्टेशन पर जाकर जरूरतमंदों को खाना खिलाते है।पैर में टूटी हवाई चप्पल, साधारण से कपड़े और साधारण कद काठी वाले इस बंशी बाबा को देखकर आज जहानाबाद के कई युवक इनके साथ जुड़ गए हैं। बसंत बाबा के इस निस्वार्थ कार्य को देखने के बाद तो पटना के पीएमसीएच में रोटी बाबा के नाम से मशहूर गुरमीत सिंह ने सलाम किया। आज पटना में संस्कृति फाउंडेसन और हेल्पिंग इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बसंत बाबा से मुलाकात हुई। जब संस्था के लोगो ने बाबा को सम्मान दिया और उन्हें
आर्थिक मदद के तौर पर 11 हजार रुपये दिया तो बाबा ने लेने से इनकार किया कहा देना है तो रोटी दे देना भूखो को खाना खिला देना..हालांकि बाबा ने काफी अनुरोध करने पर इसे स्वीकार किया ,गुरमीत सिंह ने भी 11 हजार रुपये दिए लेकिन बसंत बाबा को कोई लालसा नही थी उन्होंने कहा कि आप सभी आने इलाके में किसी गरीब का भूखा नही सोने दे यही बड़ा दान है।