11 सितंबर
शिवहर जिले में कोरोना के खिलाफ मजबूत रणनीति के साथ काम चल रहा है। इसका नतीजा है कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। जबकि जनसंख्या के हिसाब से जांच के मामले में भी शिवहर पहले स्थान पर है। सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है, लेकिन सावधानी बरकरार रखनी होगी। सितंबर महीने में छूट अधिक मिल गई है। ऐसे में और ज्यादा सावधानी जरूरी है। सचेत रहने की जरूरत अब पहले से भी ज्यादा है। सतर्कता दो तरह से होनी चाहिए। एक, हम कोरोना से बचने की हर संभव कोशिश करें और दूसरा, अगर टेस्ट में पॉजिटिव हों तो फिर क्या करें और क्या नहीं।
- सावधान रहने की आवश्यकता
सिविल सर्जन का कहना है कि लोग कोरोना को लेकर सभी नियमों का पालन करें। लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करें, ताकि कोरोना ग्रामीण क्षेत्रों में ना फैले। भीड़भाड़ वाली जगह में शारीरिक दूरी बनाना, मास्क की आदत डालना बेहद जरूरी है। साबुन से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें। - 51 से 60 वर्ष की उम्र के लोग रखे अधिक सावधानी
51 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को भी सावधान रहने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन ने कहा कि ऐसे लोग जिनको पहले से ही कोई बीमारी जैसे मधुमेह, किडनी, लिवर या फेफड़ों में संक्रमण आदि है, उनमें कोरोना होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए इस उम्र के लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए परिजनों को पूरा ध्यान रखना चाहिए। - संक्रमण आने पर डरे नही
सिविल सर्जन डॉ आरपी सिंह ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। सावधानी और समझदारी रखना है और नियमों का पालन करना है। कई जगह देखा जा रहा है कि लोग जांच कराने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब किसी के पॉजिटिव आने पर गांव में एंबुलेंस जाती है तो लोग डर जाते हैं। क्षेत्र व आसपास में डर का माहौल बन जाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रोटोकॉल होता है और यह सब मरीजों की सुरक्षा और आसपास के लोगों को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है। अगर किसी को लक्षण है तो जांच कराएं।