
क्रिएशन, पटना द्वारा संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के सौजन्य से “बापसी “का मंचन
क्रिएशन, पटना द्वारा संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के सौजन्य से कॉलेज ऑफ कॉमर्स सभागार में हरिशंकर परसाई की रचना प्रेमियों की बापसी का मंचन उत्तम कुमार के निर्देशन में किया गया।
नाट्य मंचन के पूर्व दीप प्रज्वलित कर नाटक का उदघाटन कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य इंद्रजीत रॉय ने किया। इस अवसर पर सर्वश्री प्रो. कृति जी, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. संतोष कुमार, कुमार उदय सिंह और क्रिएशन के सचिव उत्तम कुमार भी मंच पर मौजूद थे। उद्धघाटन के बाद सभी आगत अतिथियों का अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
तत्पश्चात मंचित नाटक प्रेमियों की वापसी का मंचन किया गया।

कथासार–
व्यंग्यात्मक रूप से इस नाटक की कहानी ऐसे दो प्रेमियों के इर्द-गिर्द घूमती है जो समाज के बंधनों से मुक्त होकर प्रेम करते हैं। लेकिन यहां सामाज द्वारा लगाए जा रहे तमाम बन्धनों के कारण वह सोचते हैं कि मरने के बाद स्वर्ग में मुक्त रूप से प्यार कर सकेंगे। वहां उन्हें कोई नहीं रोकेगा और आत्महत्या कर लेते हैं। स्वर्गलोक में पहुंचने के बाद वहां की स्वतंत्रता भी उन्हें रास नही आती क्योंकि वहां रंजना जो की इस कहानी की नायिका है वह प्रेमेंद्र के साथ आत्महत्या करके वहां जाती है पर वहाँ उसे पूर्व प्रेमी बिनोद को पाकर फिर उसी से प्रेम करने लगती और वह उसी स शादी करना चाहती है, इस बात का पता जब प्रेमेंद्र को चलता है तो वह विधाता के पास जाता है, और पुनः धरती लोक पर जाने की बात कहता है पर ये संभव नही हो पाता है विधाता उसे कोई और जीव धारण करने को कहते हैं और बोलते हैं कि बोलो कौन सा जीव बनना चाहते हो पर वह दोनों तय नही कर पाते। इस नाटक में लेखक ने व्यंग्यात्मक रूप से प्रेमी-प्रेमिका की उस मनोदशा को दर्शाया है जिसके दौरान उन्हें प्रेम के अलावा कुछ नहीं दिखता। समाज द्वारा लगाए जा रहे तरह-तरह के बंधन के कारण वह उस समाज को ठुकरा स्वर्ग में प्यार करने की सोचते हैं।

नाटक में मंच पर –
दीपक कुमार
जनवी सोनी
राजन कुमार
प्रियंका कुमारी
सोमेन मुखर्जी
सैमी
अतुल कुमार
बिट्टू कुमार
.दिव्या पांडे
सभी ने अपनी भूमिका का निर्वहन बढ़िया किया और प्रेक्षणगृह में दर्शकों की उपस्थिती भी काफी थी।