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65 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से हुआ निधन
एक वर्ष से कोमा में थे
बनारस में होगा अंतिम संस्कार
पटना,संवाददाता
वरिष्ठ पत्रकार, जेपी आंदोलन के सक्रिय साथी अरुण कुमार श्रीवास्तव नहीं रहे। आज सुबह हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। वे कंकड़बाग स्थित साईं हॉस्पिटल में भर्ती थे। वे करीब एक वर्ष से कोमा में थे। डॉक्टर सहजानंद के यहां स्टोन निकलवाने के दौरान वे पिछले साल मार्च में कोमा में चले गए थे। उनके इलाज के लिए पटना के प्रमुख पत्रकारों ने क्राउड फंडिंग के सहारे धन जुटाया था । स्वास्थ्य विभाग से भी अनुदान मिला था। लेकिन यह सब नाकाफी था। घर -परिवार के लोगों ने भी बहुत मदद की थी। उनकी बेटियों ने अपने पिता की जान बचाने के लिए कोई कोशिश नहीं छोड़ी। रात -दिन एक कर दिया था। साईं हॉस्पिटल के प्रबंधन ने भी बहुत मदद की।
कोमा में जाने के पूर्व तक अरुण जी देशप्राण अखबार में कार्यरत थे। इसके पूर्व दैनिक जागरण में उन्होंने लम्बे समय तक काम किया था। कशिश न्यूज चैनल और प्रभात खबर में भी उन्होंने अपनी सेवा दी थी। देशप्राण हालांकि छोटा अखबार है लेकिन उसके मालिक पूर्व सांसद आरके सिन्हा ने बड़ा दिल दिखाया। अरुण जी के कोमा में रहने के बावजूद अंतिम समय तक उनका वेतन दिया जाता रहा। इसके अतिरिक्त उनके इलाज के लिए अलग से भी आर्थिक सहायता दी गई। यह एक मिसाल है। एक तरफ ऐसा उदाहरण है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री सचिवालय का निराशाजनक रवैया तकलीफदेह है। पत्रकार संघ द्व्रारा अरुण जी के समुचित इलाज के लिए मुख्यमंत्री को आवेदन दिया गया था लेकिन मदद मिलना तो दूर कोई जवाब देना भी उन्होंने मुनासिब नहीं समझा।
श्री सिन्हा ने अरुण जी के परिवार के एक सदस्य को अपने संस्थान में नौकरी देने की घोषणा की है। देशप्राण दफ्तर में शोकसभा आयोजित कर अरुण जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।