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गाँधीजी के विचारों को अपनाने के लिए त्याग की भावना और मजबूत संकल्प शक्ति का होना आवश्यक है -राज्यपाल
पटना, 16 जुलाई, 2024:- माननीय राज्यपाल श्री राजेन्द्र
विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन के दरबार हॉल में बिहार डाक परिमंडल के
चीफ पोस्ट मास्टर जनरल श्री अनिल कुमार द्वारा संकलित और लिखित पुस्तक
“BAPU IN BIHAR-Gandhiji’s Pilgrimage
in Search of Truth”
का विमोचन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें गाँधीजी के ग्राम स्वराज,
स्वदेशी, आत्मनिर्भरता आदि विचारों को अपनाने की आवश्यकता है।
इसके लिए त्याग की भावना के साथ मजबूत संकल्प शक्ति का होना आवश्यक
है।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार में गाँधीजी के चम्पारण सत्याग्रह के
बाद देश के सामने उनका नेतृत्व उभरकर आया। उन्होंने कहा कि
गाँधीजी ने सामान्य-सी लगने वाली घटनाओं को राष्ट्रीय स्वतंत्रता
संग्राम से जोड़ा। हाथ में मात्र नमक उठाने की घटना ने नमक
सत्याग्रह जैसे आंदोलन को जन्म दिया। गाँधीजी ने लोगों को देश
की आजादी की लड़ाई में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
राज्यपाल ने कहा कि गाँधीजी की ग्राम स्वराज की कल्पना आज भी
प्रासंगिक है। उनका मानना था कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर
निर्भर है और भारत की समृद्धि के लिए किसानों का समृद्ध होना आवश्यक
है। महात्मा गाँधी ने हमारे सामने स्वदेशी की अवधारणा रखी, जिसका
अभिप्राय अपने देश में निर्मित वस्तुओं का उपयोग करना है। इससे
हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा।
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने
की संकल्पना में महात्मा गाँधी के सारे विचार समाहित हैं। भारतीय समाज
को विश्व पटल पर विकसित रूप में लाने का सपना गाँधीजी का भी था। उनके
ग्राम स्वराज, स्वदेशी, आत्मनिर्भरता आदि विचारों को व्यवहार में
लाकर हम भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम को बिहार डाक परिमंडल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल श्री
अनिल कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री
राॅबर्ट एल॰ चोंग्थू, बिहार डाक सर्किल, पटना के निदेशक, डाक
सेवाएँ (मुख्यालय) श्री पवन कुमार, डाक टिकट संग्रहक श्री प्रदीप जैन तथा
डाक विभाग के पदाधिकारीगण एवं कर्मीगण उपस्थित थे।