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पटना: बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने एएनएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों पर FRAS (फ्रास) प्रणाली लागू करने के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया है। संघ के प्रवक्ता डॉ. विनय कुमार ने इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं की प्रकृति अन्य सेवाओं से अलग होती है। स्वास्थ्य कर्मियों को आपातकालीन स्थितियों और रोस्टर के अनुसार काम करना पड़ता है, जहां संसाधनों की कमी और रोगियों के परिजनों के आक्रोश जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
डॉ. विनय कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत कर्मियों की ड्यूटी का स्वभाव बेहद संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में बिना किसी संघ के परामर्श और व्यावहारिक पहलुओं पर विचार किए, FRAS के तहत उपस्थिति दर्ज करने के लिए बाध्य करना अनुचित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा, काम के घंटे और अन्य मांगों को नजरअंदाज कर इस तरह की प्रणाली लागू करना स्वास्थ्य सेवा के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
संघ के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा में लगे कर्मियों के लिए उपयुक्त संसाधनों की कमी और उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझने की आवश्यकता है। इस प्रकार के आदेश से न केवल स्वास्थ्य कर्मियों में असंतोष बढ़ेगा, बल्कि इसका प्रभाव सीधे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी पड़ सकता है