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समाचार पत्र में FRAS से संबंधित प्रकाशित सूचना के आलोक में दिनांक 08.08.2024 को बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ की कोर कमेटी की आकस्मिक बैठक की गई ,जिसमें सरकार द्वारा बिना व्यवहारिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखे FRAS चिकित्सकों पर थोपना चाहती है, इस बैठक में अन्य बिंदुओं पर भी विचार विमर्श किया गया।
चिकित्सकों के विभिन्न लंबित मांगों को अनसुना करने को लेकर चिकित्सकों में काफी आक्रोश व्याप्त है। बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ इस तरह की एकतरफा तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध करेगी। जैसा की मानवाधिकार आयोग का आदेश फाइल संख्या.3413/10 में भी है दिशानिर्देश हैं कि चिकित्सकों का बायोमेट्रिक उपस्थिति संघ के साथ विमर्श के बाद ही इसे लागू किया जाय . फिर भी अगर चिकित्सकों के विभिन्न लंबित मांगों तथा साथ ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी तथा अन्य कठिनाईयों पर विचार किए बिना इस तरह का कोई आदेश जारी किया गया तो बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ आंदोलन के लिए स्वतंत्र होगी जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी। भासा की कोर कमिटी की बैठक में पूरे राज्य में सबों के लिए लागू न कर सिर्फ चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों पर इसे लागू कर भेद भाव अपनाने को लेकर भी चिकित्सक आक्रोशित हैं । बैठक में शीघ्र ही भासा की विस्तारित कार्य समिति की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया जिसमें आगामी रणनीति तय की जायेगी ।