Global media Update tech Update & Automobile Life Style & Entertainment
Dayanand singh
पटना, 12 अप्रैल 2025: बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर 3831 करोड़ रुपये की लागत से बने जेपी सेतु (गंगा पथ) में उद्घाटन के महज दो दिन बाद दरारें आना एक बार फिर राज्य में पुल निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। दीदारगंज के पास पुल के पाया नंबर ए-3 में दरारें देखी गई हैं, जिससे आम लोगों में भय और प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिन पहले ही इस पुल के दीदारगंज से कंगन घाट तक के हिस्से का भव्य उद्घाटन किया था। इस लोकार्पण समारोह में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, दीघा विधायक संजीव चौरसिया समेत कई विभागीय अधिकारी और गणमान्य लोग मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मंच से रिमोट का बटन दबाकर इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को जनता को समर्पित किया था।
लेकिन उद्घाटन के तुरंत बाद जब पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, तो पुल के दोनों लेन में दरारें नजर आने लगीं। बताया जा रहा है कि यह दरार केवल एक स्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि कई मीटर तक फैली हुई है, जिससे गंगा पथ की संरचनात्मक मजबूती पर गंभीर संदेह उत्पन्न हो गया है।
यह पहला मामला नहीं है जब बिहार में किसी नव निर्मित पुल में ऐसी खामी सामने आई हो। हाल ही में अररिया जिले में भी एक नव निर्मित पुल में दरारें पाई गई थीं। बार-बार पुलों में दरारें, सड़कें धंसने और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों से राज्य सरकार की कार्यशैली कटघरे में है।
विशेषज्ञों और आम नागरिकों का कहना है कि कहीं विधानसभा चुनाव से पहले जनता को लुभाने के प्रयास में सरकार ने जल्दबाजी में बिना पूर्ण जांच और परीक्षण के इस महत्वपूर्ण पुल का उद्घाटन तो नहीं कर दिया? तेज आंधी और बारिश के बीच मुख्यमंत्री का उद्घाटन समारोह में शामिल होना भी इस जल्दबाजी की ओर इशारा करता है।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या चुनावी लाभ की जल्दीबाजी में जनता की सुरक्षा से समझौता किया गया है? यदि ऐसा है तो यह एक बेहद गंभीर मामला है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और जनता का विश्वास पुनः स्थापित हो सके।