Global media Update tech Update & Automobile Life Style & Entertainment
पटना | दीदारगंज, दिआरा में ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा अवैध खुदाई का सिलसिला पिछले कई वर्षों से जारी है, लेकिन प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इसकी जानकारी तक नहीं थी। ये संचालक जेपी गंगा पथ के पिलरों के खतरनाक रूप से करीब मिट्टी निकाल रहे हैं, जिससे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और पर्यावरण को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। विशेषज्ञों और आम जनता ने इस मुद्दे को लेकर चिंता जताई है।
नदी किनारे ईंट भट्ठा संचालन के सख्त नियमों के बावजूद, ये व्यवसाय बिना किसी निगरानी के संचालित हो रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कई वर्षों में बड़ी मात्रा में मिट्टी निकाली गई है, जिससे जेपी गंगा पथ की संरचनात्मक मजबूती कमजोर हो रही है।
प्रशासन की लापरवाही के कारण ईंट भट्ठा संचालक निर्भय होकर अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं। जिला प्रशासन और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (BSPCB) जैसे सरकारी निकायों को भी अब तक इन उल्लंघनों की कोई जानकारी नहीं थी, जिससे शासन-प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
अवैध खुदाई का मुद्दा सामने आने के बाद, पटना के जिला अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। पटना सिटी अनुमंडल पदाधिकारी और जिला खनन पदाधिकारी को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। अधिकारियों ने उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद (BSPCB) ने अब जाकर इस मुद्दे को स्वीकार किया है और गंगा नदी के किनारे संचालित सभी ईंट-भट्ठों की जांच करने की घोषणा की है। यदि कोई भी ईंट भट्ठा पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है, तो तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जेपी गंगा पथ के पिलरों के आसपास जारी यह अनियंत्रित खुदाई इसकी संरचनात्मक स्थिरता को कमजोर कर सकती है। यह एक्सप्रेसवे पटना में यातायात और बुनियादी ढांचे के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है।
साथ ही, नदी किनारे से मिट्टी की अनियंत्रित निकासी से गंगा के प्राकृतिक संतुलन को भी गहरा नुकसान हो सकता है। यह कटाव, जैव विविधता की हानि और बढ़ते प्रदूषण स्तर का कारण बन सकता है।
पर्यावरणविदों का कहना है कि यदि ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में अवैध खनन जारी रहा, तो इसके परिणाम लंबे समय तक बने रह सकते हैं और इनकी भरपाई करना बेहद मुश्किल होगा।
अब, प्रशासन ने आम नागरिकों से भी अवैध खुदाई और अनधिकृत ईंट-भट्ठा संचालन की सूचना देने की अपील की है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सूचना मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
बिहार सरकार ने ईंट-भट्ठा संचालन को लेकर स्पष्ट नियम बनाए हुए हैं, लेकिन ढीली निगरानी और कमजोर प्रवर्तन के कारण अवैध गतिविधियां लगातार जारी रही हैं। हालांकि, हाल ही में शुरू हुई कार्रवाई से सकारात्मक परिवर्तन की उम्मीद की जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों को इस पर संदेह है।
यदि नियमित निगरानी, कठोर दंड और सक्रिय शासन नहीं हुआ, तो अवैध खुदाई फिर से शुरू हो सकती है, जिससे जेपी गंगा पथ और गंगा नदी के पर्यावरणीय संतुलन को भारी नुकसान हो सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस बार अपनी जिम्मेदारी निभाएगा, या यह मुद्दा फिर से सरकारी सुस्ती और अनदेखी की भेंट चढ़ जाएगा
Auto Amazon Links: No products found.