Global media Update tech Update & Automobile Life Style & Entertainment

Dayanand singh
पटना 24 अप्रैल, 2025- प्रेम और भाईचारे की भावना को उजागर करता ‘मानव एकता दिवस’, निरंकारी मिशन द्वारा प्रति वर्ष 24 अप्रैल को बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में श्रद्धा और आध्यात्मिक भावनाओं से परिपूर्ण वातावरण में आयोजित किया जाता है। यह दिन केवल पुण्य स्मरण का अवसर नहीं, अपितु मानवता, सौहार्द और एकत्व की भावनाओं का एक आत्मिक संगम है।
मानव एकता दिवस के अवसर पर मिशन द्वारा देशभर में रक्तदान की प्रेरक श्रृंखला आरंभ होती है, जो निःस्वार्थ सेवा भावना की सामूहिक जागृति का स्वरूप बनकर पूरे वर्ष समाज में प्रवाहित होती रहती है। इसके साथ ही सत्संग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेम, शांति और समरसता का प्रकाश भी जन-जन तक पहुँचाया जाता है। यह दिन इस बात का परिचायक है कि सेवा केवल एक कार्य नहीं, अपितु निष्काम समर्पण का आत्मिक भाव है।


Amazon: दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म, जहां आपको बेहतरीन डील्स और विश्वसनीय प्रोडक्ट्स मिलते
इस वर्ष भी, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा पूरे भारतवर्ष की लगभग 500 से अधिक ब्रांचों पर भव्य रक्तदान शिविरों की अविरल शृंखला आयोजित की गई। पटना-गया रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर विशेष रूप से केंद्र बिंदु रहा । जहाँ श्रद्धालु अधिक संख्या में सम्मिलित हुए। सभी ने पूर्ण उत्साह और समर्पण के साथ स्वेच्छा भाव से रक्तदान कर मानव कल्याण में अपना सहयोग दिया । शिविर में 124 यूनिट रक्तदान हुआ जिसे पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ब्लड बैंक के प्रशिक्षित डाक्टर एवं टीम द्वारा संग्रहित किया गया l

युगदृष्टा बाबा गुरबचन सिंह जी ने सत्य बोध के माध्यम से समाज को अंधविश्वासों और कुरीतियों से मुक्त कर, नशा मुक्ति, सादा विवाह और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ जोड़ने जैसे लोक-कल्याणकारी अभियानों की प्रेरक शुरुआत की। उनके पावन मार्गदर्शन को आगे बढ़ाते हुए बाबा हरदेव सिंह जी ने “रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं” का अमर संदेश देकर रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बना दिया। यह संदेश आज भी प्रत्येक निरंकारी भक्त के हृदय में सेवा और समर्पण की प्रेरक लौ बनकर जीवंत है।
यह दिवस चाचा प्रताप सिंह जी सहित उन सभी समर्पित बलिदानी संतों की पुण्य स्मृति का प्रतीक है, जिन्होंने मानव एकता, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक चेतना के मार्ग पर चलते हुए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। मानव एकता दिवस उन्हीं संतों के दृढ़ विश्वास व संकल्प की प्रेरणा को जीवंत करता है।
यह महाअभियान केवल रक्तदान नहीं, बल्कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की करुणा, सेवा और एकत्व के संदेश को जीवन में उतारने का सजीव माध्यम है जो हमें सिखाता है कि मानवता ही सर्वोच्च धर्म है। इसी प्रेरणा से प्रेरित संत निरंकारी मिशन, सेवा और समर्पण के पथ पर निरंतर मानवता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
Auto Amazon Links: No products found.