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नई दिल्ली, 27 अप्रैल 2025 — राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बाइसारन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच औपचारिक रूप से अपने हाथ में ले ली है। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे ।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर, NIA की टीमें बुधवार से ही घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं और सबूतों की तलाश में जुटी हैं। जांचकर्ताओं ने चश्मदीदों से गहन पूछताछ शुरू की है, जिसमें एक स्थानीय फोटोग्राफर द्वारा पेड़ पर चढ़कर रिकॉर्ड किया गया वीडियो महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में सामने आया है ।
NIA की टीमें आतंकियों के प्रवेश और निकास बिंदुओं की बारीकी से जांच कर रही हैं, ताकि उनके modus operandi को समझा जा सके। फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से घटनास्थल की गहन जांच की जा रही है, जिससे आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने कोकरनाग के जंगलों से लगभग 20-22 घंटे पैदल चलकर बाइसारन घाटी तक पहुंचकर इस हमले को अंजाम दिया ।
इस हमले की जिम्मेदारी ‘The Resistance Front’ नामक आतंकी संगठन ने ली है, जिसे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है ।
भारत सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों में कटौती करते हुए, इंडस जल संधि को निलंबित कर दिया है और सीमा पार आवागमन को बंद कर दिया है ।
NIA की जांच के साथ-साथ सुरक्षा बलों ने भी आतंकियों की तलाश तेज कर दी है, और जम्मू-कश्मीर में व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
यह हमला कश्मीर में हाल के वर्षों में हुआ सबसे भीषण नागरिकों पर हमला माना जा रहा है, जिसने क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।