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पटना। सूबे के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि अंगदान भारतीय संस्कृति का उच्चतम आदर्श है। मृत्यु के बाद हमारे नश्वर शरीर से किसी की जिंदगी रौशन होती है तो पीड़ित मानवता के लिए यह सबसे बड़ी सेवा है। वे खुद 20 साल पहले ही देहदान का संकल्प ले चुके हैं।
राज्यपाल 11वें अन्तर्राष्ट्रीय अंगदान दिवस और तीसरे राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर रविवार को दधीचि देहदान समिति द्वारा बिहार चैम्बर आफ कॉमर्स में आयोजित संकल्प सह सम्मान समारोह एवं राज्यस्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अंगदान-देहदान की मुहिम से समाज के हर व्यक्ति को जोड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाने की अपील की।
समिति के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने लोगों से आग्रह किया कि वे मृत्यु को जीवन का अंत न समझें। नेत्रदान-अंगदान के बाद भी आपकी आंखें देख सकती हैं और दिल धड़क सकता है।
महासचिव पद्मश्री बिमल जैन ने समिति की अबतक की उपलब्धियों का जिक्र किया और जागरूकता फैलाने के लिए हर मेडिकल कॉलेज में काउंसलर की नियुक्ति तथा नेत्र अधिकोष की सेवा 24×7 उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
अंगदान से आपकी आंखें दोबारा देखेंगी और दिल धड़केगा : गंगा प्रसाद
हर मेडिकल कॉलेज में काउंसलर की नियुक्ति करे सरकार : विमल जैन
अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में भी देश को दिशा देगा बिहार : चौरसिया
दधीचि देहदान समिति का संकल्प सह सम्मान समारोह आयोजित
त्रैमासिक ई-बुलेटिन ‘दधीचि दर्पण’ का लोकार्पण, वृत्त चित्र का प्रदर्शन
बिहार स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिन्दे कुमार ने कहा कि नेत्रदान-अंगदान की मुहिम में बिहार को भी दक्षिणी राज्यों की श्रेणी में लाने का हरसंभव प्रयास करेंगे।
भाजपा विधायक डॉ. संजीव चौरसिया ने कहा कि बिहार ने देश को दिशा देने का काम किया है। इस अभियान में भी राज्य मिसाल कायम करेगा। उन्होंने निधन के बाद दूसरी पारी खेलने के लिए लोगों से अंगदान का अनुरोध किया।
बिहार राज्य अंग प्रत्यारोपण संगठन (सोटो) के चेयरमैन डॉ. मनीष मंडल ने सोटो में निबंधन की प्रणाली के बारे में विस्तार से बताया। रूबन मेमोरियल ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. सत्यजीत सिंह ने लीवर, किडनी के प्रत्यारोपण पर विशेष जानकारी दी। समिति के उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष प्रसाद ने उपस्थित प्रतिनिधियों को नेत्रदान-अंगदान का सामूहिक संकल्प कराया। इस अवसर पर त्रैमासिक ई-बुलेटिन ‘दधीचि दर्पण’ का लोकार्पण और ‘बस इतनी सी है आदमी की औकात’ शीर्षक पर आधारित वृतचित्र भी दिखाया गया। समिति के उपाध्यक्ष पूर्णिया के डॉ. अनिल गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन तथा श्वेता सुरभि ने संचालन किया।
समारोह के दूसरे सत्र में कार्यशाला और राज्यस्तरीय सम्मेलन हुआ जिसमें सभी जिलों से आए प्रतिनिधियों के साथ नेत्रदान-अंगदान के लिए जागरूकता एवं संगठनात्मक विस्तार पर विशेष चर्चा की गई।
नेत्रदान अभियान से जुड़े सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों, नेत्र अधिकोष के चिकित्सकों, नेत्रदानी/देहदानी परिवारों एवं समाजसेवियों को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ और समापन राष्ट्रगान से हुआ।
इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप चौरसिया, अरुण सत्यमूर्ति, संजीव यादव, गुरु रहमान, शैलेश महाजन, डॉ. मनोज संडवार, सुनील पूर्वे, मुकेश हिसारिया, पवन टेकरीवाल, गोविंद कानोडिया, विनीता मिश्रा, सुषमा साहू, आनंद प्रधान, नंदकिशोर अग्रवाल, नि
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