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लोक पंच का चर्चित नाटक कातिल खेत का मंचन पटना पुस्तक मेला में संपन्न हुआ।
कथासार
नाटक “क़ातिल खेत” जैविक खेती पर आधारित है, नाटक के माध्यम से दिखाया गया है कि एक किसान है जो अपनी किसानी से खुश है, थोड़ा-थोड़ा अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री उगाता है।
एक दिन किसान को हल जोतते समय खेत में एक चिराग मिलता है, वह चिराग को साफ करता है तभी उसके अंदर से जिन निकलता है और सलाह देता है कि तुम अपने खेत में रासायनिक खाद का उपयोग करो उपज 5 गुना होगा और एक बार में एक फसल लगाओ तो और ज्यादा फायदा होगा, पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा। जबकि किसान की पत्नी किसान को यह सलाह मानने से बार-बार मना करती है, लेकिन किसान नहीं मानता। वो कर्जा, पईचा लेकर खेती शुरू करता है।
बार-बार कर्ज लेता है पर समय पर चुका नहीं पता है, मजबूरन अपने सारे फसल और अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ता है और अंत में वह आत्महत्या कर लेता है।
मनीष महिवाल के नेचुरल अभिनय ने दर्शकों को भरपूर मनोरंजन किया।
इस नाटक की भव्य मंचीय प्रस्तुति बिहार के गया जिला में 7 दिसंबर को होने जा रही है।
पात्र परिचय
किसान : मनीष महिवाल
पत्नी : प्रियांका सिंह
जिन : गुलशन कुमार
बैल 1 : कृष्ण देव
बैल 2 : अरबिंद कुमार
मुखिया : अभिषेक
मुंशी जी : राम प्रवेश
बहन 1 : प्रिया कुमारी
मंच परे
संगीत : अभिषेक राज
मंच व्यवस्था : राम प्रवेश
प्रॉपर्टी : कृष्ण देव
वस्त्र विन्यास: रितिका
लेखक : इश्तियाक अहमद
निर्देशक : मनीष महिवाल