संगम नगरी प्रयागराज में प्रवीण स्मृति नाट्योत्सव 2025 के अंतर्गत ‘गबरघिचोर’ का सशक्त मंचन

प्रयागराज। संगम की पावन धरती प्रयागराज में प्रवीण सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित प्रवीण स्मृति नाट्योत्सव 2025 के अंतर्गत भिखारी ठाकुर की कालजयी लोकनाट्य रचना ‘गबरघिचोर’ का प्रभावशाली और भावनात्मक मंचन किया गया। नाटक ने ग्रामीण समाज, पुरुष पलायन, स्त्री की विवशता और सामाजिक नैतिकता जैसे ज्वलंत मुद्दों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।

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नाटक की कथा उस ग्रामीण यथार्थ को उजागर करती है, जहाँ रोज़गार की तलाश में पुरुष शहरों की ओर पलायन कर जाते हैं और पीछे रह जाती हैं अकेली स्त्रियाँ। कहानी की मुख्य पात्र गलीज बहू अपने पति गलीज की प्रतीक्षा में खेत-खलिहानों में कठिन परिश्रम कर जीवन यापन करती है। सामाजिक तानों, शहरी कुरीतियों और नैतिक पतन के बीच उसकी संघर्षपूर्ण ज़िंदगी आगे बढ़ती है। इसी दौरान गड़बड़ी नामक युवक से उसका संबंध बनता है, जिससे एक पुत्र—गबरघिचोर—का जन्म होता है।समाज बच्चे को ‘अवैध’ ठहराता है, लेकिन माँ अपने मातृत्व की गरिमा के साथ उसका पालन-पोषण करती है। पंद्रह वर्षों बाद जब गलीज वापस लौटता है और बच्चे पर अपना अधिकार जताता है, वहीं गड़बड़ी स्वयं को उसका वास्तविक पिता बताता है। मामला पंचायत तक पहुँचता है, जहाँ न्याय के स्थान पर स्वार्थ, घूसखोरी और अमानवीय सोच हावी दिखाई देती है। पंचों द्वारा गबरघिचोर को तीन हिस्सों में बाँटने जैसा क्रूर निर्णय दर्शकों को भीतर तक झकझोर देता है।

नाटक का सबसे प्रभावशाली क्षण तब आता है, जब माँ अपने बेटे को काटने से इंकार करते हुए अपनी ममता, विवेक और साहस के माध्यम से पुरुष प्रधान समाज की अमानवीयता को उजागर करती है। अंततः पंच का विवेक जागता है और गबरघिचोर को उसकी माँ के सुपुर्द कर दिया जाता है।

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‘गबरघिचोर’ केवल एक पारिवारिक विवाद की कथा नहीं, बल्कि यह स्त्री-संवेदना, मातृत्व, सामाजिक अन्याय और ग्रामीण व्यवस्था की विडंबनाओं पर तीखा व्यंग्य प्रस्तुत करता है। मंचन ने दर्शकों को भावुक करने के साथ-साथ गहन चिंतन के लिए भी विवश किया। प्रस्तुति के बाद दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ कलाकारों के अभिनय की सराहना की।


पात्र एवं कलाकार
गलीज : कुमार स्पर्श
गड़बड़ी : राहुल रंजन
घिचोर : सुशांत
पंच : डॉ. इंद्रदीप कुमार चंद्रवंशी
गलीज बहू : प्रतिमा भारती
जल्‍लाद : सोनू कुमार
समाजी : नंदन, प्रिंस

गायन मंडली : राजीव रॉय, अभिषेक आनंद, अपराजिता कुमारी, अभिषेक राज, आदित्य
हारमोनियम : रोहित चंद्रा
रिदम : गौरव पांडेय
सारंगी : अनीश मिश्रा
बैंजो : दीपक कुमार
रूप सज्जा : जितेंद्र कुमार जीतू
संगीत निर्देशन : संजय उपाध्याय
परिकल्पना एवं निर्देशन : बिजयेन्द्र कुमार टॉक

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