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पटना, 31 जुलाई 2025 — सावन की भीगी फिजाओं के बीच लोकसंस्कृति को समर्पित एक भावनात्मक और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन दूरदर्शन केंद्र पटना द्वारा किया गया। “सावन महोत्सव” नामक यह भव्य कार्यक्रम पारंपरिक लोकनृत्य, कजरी गीतों और पूर्वांचली सांस्कृतिक विरासत की एक जीवंत प्रस्तुति रहा, जिसने दर्शकों को अपनी समृद्ध परंपराओं से जुड़ने का अवसर प्रदान किया।


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 इस विशेष सांस्कृतिक संध्या का आयोजन 31 जुलाई को दूरदर्शन परिसर में हुआ, जिसमें बिहार और पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने भाग लिया। कलाकारों ने कजरी गीतों, गोधन नृत्य और पारंपरिक वाद्ययंत्रों के संगम से समां बांध दिया। लोककला की इन प्रस्तुतियों ने न केवल श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया बल्कि उन्हें अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का अवसर भी दिया।
कार्यक्रम का मूल उद्देश्य लोकसंस्कृति को संरक्षण एवं प्रोत्साहन देना रहा, जो दूरदर्शन की वर्षों पुरानी सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कार्यक्रम प्रमुख डॉ. मनोज प्रभाकर ने स्वागत भाषण में कहा, “सांस्कृतिक विरासत को संजोना केवल हमारा उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि यह हमारी आत्मा का उत्सव भी है।”
कार्यक्रम की संकल्पना और संचालन में कार्यालय अध्यक्ष श्री राजीव सिन्हा का निर्देशन और मार्गदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा, जिनके प्रयासों से यह आयोजन न केवल सफल रहा बल्कि दर्शकों के हृदय में भी स्थान बना सका। आयोजन में कलाकारों के साथ-साथ पत्रकारों और सांस्कृतिक जगत की प्रमुख हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति ने इसकी शोभा को और भी बढ़ा दिया।
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रसारण 5 अगस्त एवं 6 अगस्त 2025 को रात्रि 8:00 बजे से 9:30 बजे तक डीडी बिहार चैनल पर किया जाएगा। वहीं इसका पुनः प्रसारण सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक निर्धारित है। इसके अतिरिक्त, यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सांस्कृतिक चैनल डीडी भारती पर भी प्रसारित होगा, जिससे देशभर के दर्शक इस अनूठी सांस्कृतिक संध्या का आनंद ले सकेंगे।
दूरदर्शन पटना का यह प्रयास लोकसंस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का भावनात्मक और सशक्त माध्यम बनकर उभरा है।
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