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पटना, 23 जनवरी 2025: स्वच्छता मिशन-2025 के तहत आज दूरदर्शन केंद्र पटना में “वेस्ट टू वेल्थ” विषय पर केंद्रित एक अनोखी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में पुराने और अनुपयोगी सामानों को नवाचारी तरीके से उपयोगी और खूबसूरत सृजन में परिवर्तित किया गया।
नवाचार के पीछे का नेतृत्व:
इस प्रदर्शनी के पीछे दूरदर्शन केंद्र पटना के उपमहानिदेशक (अभियांत्रिकी) सह केंद्राध्यक्ष श्री राजीव सिन्हा का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। उनकी नवाचारी सोच और मेहनत ने इस “वेस्ट टू वेल्थ” संकल्पना को वास्तविक रूप दिया। प्रदर्शनी में दिखाए गए सभी सृजन डीडी बिहार और बंद हो चुके दूरदर्शन अनुरक्षण केंद्रों से क्लस्टर कार्यालय, पटना में लाए गए पुराने और बेकार हो चुके सामानों से बनाए गए हैं। इन सामानों को नया रूप देकर न केवल उपयोगी बनाया गया, बल्कि उन्हें एक आकर्षक स्वरूप भी प्रदान किया गया।
सृजन की विशेषताएं:
प्रदर्शनी में ऐसे कई निर्माण शामिल थे, जो देखने में बेहद खूबसूरत होने के साथ-साथ उपयोगिता में भी बेजोड़ थे। इन सृजनों में पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, मशीनों, और अन्य अनुपयोगी वस्तुओं को नया जीवन दिया गया। यह पहल पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक प्रभावी प्रयास है।
प्रदर्शनी में सहभागिता:
इस प्रदर्शनी में दूरदर्शन केंद्र पटना के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। इसके साथ ही, डीडी बिहार में छायांकन के लिए आए मेहमानों ने भी इस नवाचार को सराहा। प्रतिभागियों ने इस प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए इसे अनुकरणीय बताया।


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राजीव सिन्हा का दृष्टिकोण:
प्रदर्शनी के दौरान श्री राजीव सिन्हा ने कहा, “यह पहल सिर्फ पुराने सामानों के पुनः उपयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से कुछ भी संभव है। बेकार समझी जाने वाली वस्तुएं भी मूल्यवान बन सकती हैं।”
पर्यावरण संरक्षण में योगदान:
“वेस्ट टू वेल्थ” परियोजना न केवल स्वच्छता मिशन-2025 के उद्देश्यों को समर्थन देती है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। पुराने और अनुपयोगी सामग्रियों को सृजनात्मक रूप से पुनः उपयोग में लाने से न केवल कचरे में कमी आई है, बल्कि इससे नए संसाधनों की आवश्यकता भी कम हुई है।
अतिथियों की प्रतिक्रियाएं:
प्रदर्शनी में शामिल मेहमानों ने कहा कि इस तरह की पहल अन्य संस्थानों और संगठनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। उन्होंने इस प्रयास को न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से उपयोगी बताया, बल्कि इसे सृजनात्मकता और नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण भी माना।
दूरदर्शन केंद्र पटना की “वेस्ट टू वेल्थ” प्रदर्शनी ने यह साबित कर दिया कि पुरानी और अनुपयोगी वस्तुओं में भी नई संभावनाएं खोजी जा सकती हैं। इस प्रदर्शनी ने स्वच्छता मिशन-2025 को नई दिशा दी है और यह संदेश दिया है कि पर्यावरण संरक्षण और नवाचार साथ-साथ चल सकते हैं। ऐसे प्रयास न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाएंगे, बल्कि समाज में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करेंगे।
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