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पटना, 22 दिसम्बर, 2023:- ‘‘कश्मीर और बिहार सहित
विभिन्न राज्यों की अलग-अलग संस्कृति हैं परंतु वे सभी भारतीय
संस्कृति की ही इंद्रधनुषी छटायें है। हम सभी भारतमाता की संतान
होने के कारण आपस में भाई-भाई हैं और सारी
विभिन्नताओं के बावजूद हम एक हंै। हमें इस भाव को सुदृढ़
करना है।’’ -यह बातें माननीय राज्यपाल
श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन के दरबार हाॅल में कश्मीरी
युवा विनिमय कार्यक्रम, 2023-24 के अंतर्गत कश्मीर घाटी के छः जिलों
यथा-अनंतनाग, कुपवाड़ा, बारामूला, बडगाम, श्रीनगर एवं पुलवामा से
आए युवा प्रतिभागियों के साथ भेंटवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के प्रति सभी भारतीयों का विशेष
आकर्षण है। यह वहाँ की सिर्फ प्राकृतिक संुदरता और खूबसूरत
वादियों को लेकर ही नहीं, बल्कि कश्मीरी लोगों के प्रेमपूर्ण
व्यवहार और उनकी आत्मीयता के कारण है। जब कश्मीर में कोई अप्रिय
घटना होती है तब कन्याकुमारी सहित भारत के अन्य सभी क्षेत्रों के
लोगों को पीड़ा होती है। इसी प्रकार कश्मीर के लोग भी भारत के
अन्य जगहों पर होनेवाली अप्रिय घटनाओं से दुःखी होते हैं।
ऐसा हमारी एक-दूसरे के प्रति आत्मीयता के कारण होता है। कश्मीर भारत
का अभिन्न अंग है। हम सब भारतवासी एक हैं और इसी एकता में भारत
की श्रेष्ठता है।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत काफी
समृद्ध है। इस राज्य का संबंध भगवान बुद्ध, महावीर, चाणक्य, चन्द्रगुप्त
मौर्य और सम्राट अशोक जैसे महापुरूषों से रहा है। यहाँ माता सीता,
गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ॰
राजेन्द्र प्रसाद का जन्म हुआ था। कश्मीर की संस्कृति भी काफी समृद्ध है।
सभी राज्यों की संस्कृति भारत की ही संस्कृति है।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोग काफी अच्छे हैं और अन्य
राज्यों के लोगों से प्रेम करते हैं। उन्होंने कश्मीरी युवाओं से
कहा कि वे बिहार की अच्छाईयों के बारे में कश्मीर एवं अन्य राज्यों
के लोगों को बताएँ।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री राॅबर्ट एल॰ चोंग्थू,
नेहरू युवा केन्द्र के राज्य निदेशक श्री अंशुमान प्रसाद दास एवं अन्य
पदाधिकारीगण, कश्मीर के युवा प्रतिभागीगण, राज्यपाल सचिवालय के
पदाधिकारीगण एवं कर्मीगण तथा अन्य लोग
उपस्थित थे।
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