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बिहार, 30 अगस्त 2024 – राज्य के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आलोक राज ने 30 अगस्त को पदभार ग्रहण करने के बाद प्रदेश की पुलिसिंग में सुधार लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने बिहार पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मियों को राज्य में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए 6 “स” के मूलमंत्र दिए, जो अपराध की रोकथाम और न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए दिशा-निर्देश साबित होंगे।
समय: डीजीपी आलोक राज ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई की गुणवत्ता का सीधा संबंध घटना के बाद के रिस्पांस टाइम से है। उन्होंने निर्देश दिए कि अपराध होने के बाद जितनी जल्दी पुलिस घटनास्थल पर पहुंचेगी, उतनी ही प्रभावी कार्रवाई हो सकेगी। त्वरित प्रतिक्रिया न केवल अपराधियों को गिरफ्तार करने में सहायक होती है, बल्कि यह जनता के बीच पुलिस की विश्वसनीयता को भी मजबूत करती है।
सार्थक: आलोक राज ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पुलिस की हर कार्रवाई सार्थक होनी चाहिए। कार्रवाई का प्रभावी होना तभी संभव है, जब अपराधियों के बीच कानून का डर स्पष्ट रूप से दिखाई दे। उन्होंने पुलिस को निर्देशित किया कि वे ऐसी कार्रवाई करें, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बनी रहे और अपराधियों में खौफ हो।
संवेदनशीलता: नए डीजीपी ने पुलिस कर्मियों को पीड़ितों के प्रति संवेदनशील बनने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस को न केवल जनता की समस्याओं को सुनना चाहिए, बल्कि उनकी शिकायतों पर त्वरित और उचित कार्रवाई भी करनी चाहिए। संवेदनशीलता से काम करने से जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ेगी।
शक्ति: आलोक राज ने पुलिस की शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि यदि पुलिस सशक्त नहीं होगी, तो अपराधियों के बीच कानून का डर समाप्त हो जाएगा। पुलिस को अपनी शक्ति का प्रयोग सही तरीके से करना चाहिए, ताकि अपराधी कानून से डरें और समाज में शांति बनी रहे।
सत्यनिष्ठा: डीजीपी ने पुलिस कर्मियों को सत्यनिष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस को अपनी कार्रवाई में ईमानदारी और सत्यनिष्ठा दिखानी चाहिए। जब पुलिस कर्मी सत्यनिष्ठ होकर काम करेंगे, तभी वे समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतर पाएंगे और कानून का सम्मान बढ़ेगा।
स्पीडी ट्रायल: अंत में, आलोक राज ने पुलिस अधिकारियों को समयबद्ध जांच करने और आरोप पत्र दाखिल करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को जल्दी से सजा दिलाने के प्रयास किए जाने चाहिए। इससे न केवल अपराधियों को न्यायिक प्रणाली का भय होगा, बल्कि समाज में न्याय की भावना भी मजबूत होगी।
अपने इन निर्देशों के साथ, डीजीपी आलोक राज ने बिहार पुलिस को त्वरित और प्रभावी पुलिसिंग के नए मापदंड दिए हैं। उनका यह 6 “स” का मूलमंत्र राज्य की कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और अपराध की रोकथाम में सहायक साबित होगा। पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से राज्य में शांति और सुरक्षा के माहौल को बनाए रखने में मदद मिलेगी।