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पटना। अब हड्डी के कैंसर (बोन कैंसर) से पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं है। महावीर कैंसर संस्थान, पटना में बोन कैंसर के इलाज की आधुनिक और समुचित सुविधा शुरू कर दी गई है। संस्थान में अब बिना अंग काटे बोन कैंसर का इलाज संभव है। हाल ही में राज्य में पहली बार एक 13 वर्षीय किशोर का टोटल फीमर बोन (जांघ की हड्डी) इंप्लांट कर सफल इलाज किया गया। यह बिहार में अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें हड्डी को पूरी तरह बदल कर मरीज का पैर बचा लिया गया।
नवादा जिले के रहने वाले इस 13 वर्षीय किशोर को ओस्टियो सारकोमा नामक बोन कैंसर हो गया था। कई अस्पतालों में इलाज कराने के बावजूद उसे राहत नहीं मिली और पैर काटने की सलाह दी गई। अंततः परिजन उसे महावीर कैंसर संस्थान लेकर आए। जांच के बाद ट्यूमर बोर्ड ने सर्जरी का निर्णय लिया और किशोर के पैर की पूरी जांघ की हड्डी को इंप्लांट के जरिए बदल दिया गया। अब वह कुछ ही दिनों में अस्पताल से छुट्टी पाकर सामान्य रूप से चल-फिर सकेगा।
महावीर कैंसर संस्थान के वरिष्ठ आर्थोपेडिक अंकोलॉजिस्ट डॉ. सूर्य प्रकाश ने बताया कि अब तक संस्थान में लगभग 80 बोन कैंसर मरीजों का सफल इलाज हो चुका है और उनके अंगों को भी बचा लिया गया है। फिलहाल एक 16 वर्षीय किशोरी भी कंधे के बोन कैंसर से पीड़ित है, जिसका कंधा सर्जरी के जरिए बचाया जाएगा।
बोन कैंसर के लक्षणों में असामान्य सूजन, लगातार दर्द और हड्डियों में विकृति शामिल हैं। डॉ. सूर्य प्रकाश ने बताया कि यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया गया, तो यह कैंसर जानलेवा हो सकता है। ऐसे मामलों में विशेषज्ञों से तुरंत परामर्श लेना जरूरी होता है।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में हड्डी के कैंसर का प्रसार प्रति वर्ष 1 से 2 प्रति लाख की दर से होता है, जो कि दुर्लभ तो है, लेकिन लापरवाही होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। इसके लिए समर्पित कैंसर अस्पताल में इलाज जरूरी है, जहां मस्कुलोस्केलेटल ऑन्कोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट की विशेषज्ञ टीम इलाज करती है।
संस्थान के निदेशक डॉ. बी. सान्याल ने कहा कि यहां नई तकनीक और विशेषज्ञ टीम के माध्यम से अत्याधुनिक इलाज संभव हो गया है। मरीजों को अब कम खर्च में और राज्य में ही बेहतर इलाज मिल पा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के साथ-साथ इंडियन कैंसर सोसाइटी, मुख्यमंत्री राहत कोष, प्रधानमंत्री राहत कोष, महावीर मंदिर ट्रस्ट आदि से भी आर्थिक सहायता दी जाती है।
महावीर कैंसर संस्थान अब राज्य में बोन कैंसर इलाज का प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है, जो न केवल अंगों को बचा रहा है, बल्कि मरीजों को एक नई जिंदगी भी दे रहा है।
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