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पटना, 31 जुलाई 2025 — पटना विमेन्स कॉलेज (स्वायत्त), पटना विश्वविद्यालय द्वारा “श्रावणी महोत्सव” का आयोजन मदर थेरेसा ऑडिटोरियम में अत्यंत हर्षोल्लास के साथ किया गया। यह आयोजन परंपरा, संगीत और सामाजिक जागरूकता का एक प्रभावशाली संगम सिद्ध हुआ।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण श्रावणी नृत्य प्रतियोगिता रही, जिसमें दस रंग-बिरंगी छात्र टीमों ने इस वर्ष की विचारोत्तेजक थीम “ग्लोबल वार्मिंग: धरती की पुकार, सावन की फुहार” पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियाँ दीं। प्रतिभागियों ने बारिश को आशा और उपचार का प्रतीक मानते हुए तथा धरती माता की पुकार को दर्शाते हुए भावनात्मक, रचनात्मक कोरियोग्राफी और सशक्त प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यावरण संकट को जीवंत रूप में मंच पर प्रस्तुत किया।
प्रस्तुतियों में “बरसे रे”, “आ रे बदरा, काले बदरा”, “बन्ना रे” जैसे लोकप्रिय गीतों को शामिल किया गया, जिनके माध्यम से छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण का गहरा संदेश दिया।
प्रतियोगिता का मूल्यांकन करने के लिए निर्णायक मंडल में शामिल थीं —
डॉ. मंजुला सुशीला (सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग),
श्रीमती यामिनी (सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग),
और श्रीमती अनीशा (सहायक प्राध्यापक, अंग्रेज़ी विभाग)।
निर्णायकों ने प्रस्तुति की थीम, भाव-प्रदर्शन, समूह समन्वय, परिधान की उपयुक्तता और मंच उपस्थिति को मूल्यांकन के मुख्य मानदंड बताया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सिस्टर एम. तनिषा ए.सी. (उप-प्राचार्या) ने कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने छात्राओं की रचनात्मकता की प्रशंसा करते हुए सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से पर्यावरणीय जागरूकता को जोड़ने की इस पहल की सराहना की। उन्होंने विजेताओं की घोषणा भी की:
कार्यक्रम का संचालन राजनंदिनी सिंह (संस्कृतिक सचिव, छात्र परिषद 2025–26) और प्रियणी पांडेय (माइक्रोबायोलॉजी की छात्रा) ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन रिया नागवंशी (खेल सचिव, छात्र परिषद 2025–26) द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस आयोजन का सफल संचालन प्राचार्या डॉ. सिस्टर एम. रश्मि ए.सी. एवं उप-प्राचार्या डॉ. सिस्टर एम. तनिषा ए.सी. के नेतृत्व में हुआ। आयोजन को सफल बनाने में डॉ. सिस्टर सेलिन क्रैटा ए.सी. (विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग), सुश्री एनाक्षी डे बिवास (परफॉर्मिंग आर्ट्स समन्वयक), सुश्री पूजा कुमारी (सहायक प्राध्यापक, वाणिज्य विभाग) और सुश्री कृति का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस सांस्कृतिक आयोजन ने न केवल छात्राओं की प्रतिभा को मंच प्रदान किया, बल्कि पर्यावरणीय चेतना को भी प्रभावशाली ढंग से समाज के समक्ष प्रस्तुत किया।
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