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Dayanand Singh
पटना, 19 अप्रैल 2025:
आज दिनांक 19 अप्रैल 2025 की मध्यरात्रि पटना स्थित महागिरजाघर (Cathedral Church) परिसर स्थित पादरी की हवेली में ईसाई समुदाय के सैकड़ों श्रद्धालु एकत्र हुए। इस अवसर पर प्रभु यीशु के मृत्यु पर विजय और पुनरुत्थान (Resurrection of Jesus Christ) को समर्पित ईस्टर (Easter Festival) पर्व के अंतर्गत मिस्सा बलिदान (Holy Mass) का आयोजन किया गया।
रात्रि 10:15 बजे आयोजित इस मिस्सा पूजन की अगुवाई बिशप विलियम डिसूज़ा ने की। उनके साथ पल्ली पुरोहित फादर प्रवीण, सहायक पल्ली पुरोहित फादर प्रदीप, एवं फादर सुरेश ने भी इस पूजन विधि में भाग लिया।
पूरे आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रभु ईसा मसीह द्वारा गुड फ्राइडे (Good Friday) के तीन दिन बाद पुनर्जीवित होने की स्मृति को उत्सव के रूप में मनाना रहा।
ईसाई धर्मावलंबियों की मान्यता के अनुसार, गुड फ्राइडे को प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ा दिया गया था। लेकिन तीसरे दिन वे मृत्यु को पराजित कर पुनः जीवित हुए। यही पुनरुत्थान ईस्टर पर्व का मूल आधार है और ईसाई धर्म की आस्था का केंद्र है।
इस अवसर पर लोगों ने घरों को सजाया, ईस्टर एग (Easter Egg) का आदान-प्रदान किया, और आपस में गले मिलकर प्रभु के पुनरागमन (Return of Christ) की बधाइयाँ दीं।
ईस्टर एग, इस पर्व का विशेष प्रतीक होता है, जो नए जीवन और आत्मिक नवीकरण (Spiritual Renewal) का प्रतीक है। यह इस बात का संकेत देता है कि मनुष्य जब चाहे, अपने पापमय जीवन से निकलकर एक नई शुरुआत कर सकता है।
पूरे आयोजन को भव्य और सफल बनाने में पादरी की हवेली पल्ली के युवा संघ, मदर टेरेसा की धर्म बहनें, माता सदा सहायिका की धर्म बहनें, एवं कई गणमान्य नागरिकों ने सहयोग किया।
इस सूची में प्रमुख रूप से बिहार अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष श्री एंब्रोस पैट्रिक, चार्ल्स अल्फोंस, अभिषेक पैट्रिक, पूजा पैट्रिक, विक्टर अलफोंस, बैसिल लकड़ा, राजेश कुमार, अनिल किंडो, एडवर्ड अलफोंस, रॉबर्ट कुजूर, अजिता कुजूर, अनूप पॉल, अल्बर्ट, सुनील मुर्मू, मार्टिन बेंग, विनीत राज, रोजमैंड, आनंद लकड़ा, अजय और मदन कुमार शामिल रहे।
सभी उपस्थित लोगों ने इस पूजन विधि में गहरी आस्था और भक्ति भाव से भाग लिया। प्रभु यीशु के पुनरुत्थान का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शांति, आशा और पुनर्निर्माण का संदेश भी देता है।
ईस्टर का यह महापर्व एक बार फिर यह याद दिलाता है कि हर अंत एक नई शुरुआत का संकेत होता है।
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