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पटना, 04 दिसम्बर :
टी.पी.एस. कॉलेज, पटना के जन्तु विज्ञान विभाग द्वारा आमंत्रित अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया । जिसमें राष्ट्रीय पर्यावरण एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. कंचन कुमारी ने विज्ञान, तकनीक एवं नवाचार: परिवर्तन की पहल विषय पर व्याख्यान दिया । इसके पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए जन्तु विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योत्स्ना कुमारी ने कहा कि विज्ञान हमारे आस-पास की संपूर्ण भौतिक और प्राकृतिक दुनिया की बेहतर समझ को बढ़ावा देने के लिए सिद्धांतों को विकसित करने और कानूनों की खोज करने के बारे में है । प्रौद्योगिकी इस ज्ञान का उपयोग ऐसे उत्पाद बनाने के लिए है जो जीवन की गुणवत्ता और मानव कल्याण को बढ़ावा देते हैं ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. उपेंद्र प्रसाद सिंह ने किया । उन्होंने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मनुष्य और प्रकृति को शान्ति और मित्रता से रहना चाहिए । पृथ्वी पर सभी जीवों की रक्षा करने की हमारी जिम्मेदारी है । उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम को विभिन्न विभागों के सहयोग से सप्ताह में दो बार आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया और इसे आयोजित करने के उद्देश्यों की भी प्रशंसा की । महाविद्यालय के उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अबु बकर रिजवी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हम प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे करें और एक तेजी से जटिल समाज के भीतर नवाचारों का विकास कैसे करें । इसके लिए हमारे दृष्टिकोण और व्यवहार में मूलभूत परिवर्तन की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रगति शिक्षा और जन जागरूकता पर निर्भर करती है । लेकिन यह दुखद है कि प्रकृति के अंधाधुंध दोहन से न सिर्फ मानव जाति को नुकसान पहुंचता है बल्कि पर्यावरण भी खतरे में पड़ जाती है । पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के महाविद्यालय निरीक्षक डॉ. कृष्ण नंदन प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से छात्रों में जागरूकता का प्रसार होता है । कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. कंचन कुमारी ने छात्रों से संवाद कायम करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने, खाद्य सुरक्षा हासिल करने, आपदा जोखिमों को कम करने, स्थायी औद्योगीकरण को साकार करने और गरीबी और बेरोजगारी की समस्याओं को हल करने के लिए टिकाऊ स्वच्छ-ऊर्जा प्रौद्योगिकी विकसित करना और तलाश करना महत्वपूर्ण है । इस अवसर पर रसायन शास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. शशि प्रभा दुबे समेत विशाल कुमार, दीपक कुमार, आयुष, अजय कुमार, निगम कुमार, प्रत्युष, आशीष, सुरभि, कृतिका, विदिशा, मुस्कान, कृतिका भारती, आयुशि, अल्पना, हर्षित, श्रेयांस आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सानंदा सिन्हा ने किया