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◆ भारत की सभी भाषाएँ भारत की संस्कृति को संजोता है – नित्यानन्द राय
कर्नाटक के मैसूर में आयोजित दक्षिण एवं दक्षिण पश्चिम क्षेत्र का संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा की भाषा हमारी संस्कृति की आत्मा है। यह हमारे समुदायों और पीढ़ियों को आपस में जोड़ती है तथा हमारे इतिहास को संजोकर रखती है। दक्षिण भारत में जहां तमिल, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम भाषाएं बोली जाती हैं, वहां हिंदी एक महत्वपूर्ण माध्यम बनती है जो लोगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संवाद में शामिल होने का अवसर प्रदान करती है। यह राष्ट्रीय एकता को भी मजबूत करने का माध्यम है।
गृह राज्यमंत्री श्री राय ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के समय भी दक्षिण के विद्वान हिंदी के माध्यम से ही राष्ट्र से जुड़े रहे। हिंदी वह शक्ति थी जिसने राष्ट्रीय आंदोलन को एक सूत्र में पिरो दिया।
श्री राय ने कहा कि देशभर में राजभाषा को समृद्ध व सक्षम बनाने के लिए बीते 10 वर्षों से मोदी सरकार हर संभव कार्य कर रही है। 2018 में अनुवाद टूल कंठस्थ का लोकार्पण हुआ तथा 2020 में भारत की नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषाओं को विशेष महत्व देने की अनुशंसा हुई। हमारे यहां भाषा को ‘बहता हुआ नीर’ कहा गया है। हिंदी को और ग्राह्य एवं वास्तव में अखिल भारतीय बनाने के उद्देश्य से यह आवश्यक है कि हम अपने देश की क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दों को हिंदी के शब्दकोश में शामिल करें। हिंदी का अपनी सहोदर भाषाओं के भंडार का उपयोग करना लाभदायक होगा। हमें हिंदी को ऐसी भाषा के रूप में विकसित करना है जो आज के युग में अभिव्यक्ति का प्रभावी माध्यम हो।
श्री राय ने कहा कि माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का कहना है कि हमारी भाषाएँ विश्व की सबसे समृद्ध भाषाओं में है। हिंदी ही है जो हम सभी को जोड़ने का काम करती है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अनेक अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गौरव पूर्वक हिंदी में संबोधन देकर हिंदी के महत्व को न केवल देश बल्कि समूचे विश्व के सामने रखने का काम किया है। नई शिक्षा नीति में माननीय प्रधानमंत्री जी ने प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दिए जाने को एक महत्वपूर्ण स्थान देकर सभी भाषाओं और हिंदी को एक नया जीवन देने का काम किया है।
श्री राय ने उपस्थित सभी राजभाषा कर्मियों से अनुरोध किया कि राजभाषा नीति का समग्रता में पालन करें और राजभाषा विभाग द्वारा विकसित डिजिटल साधनों का अधिकाधिक उपयोग करें ताकि हिंदी में कार्य करना सुगम रहे। इस अवसर पर राजभाषा पुरस्कार प्राप्त किये सभी कार्यालयों एवं संगठनों को भी उन्होंने बधाई दी।
इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल माननीय श्री आरिफ मोहम्मद खान जी, मैसूर वाडियार के सांसद श्री यदुवीर कृष्ण दत्त चामराजा जी, राजभाषा विभाग की सचिव श्रीमती अंशुली आर्या जी सहित अनेक गण्यमान लोग शामिल हुए।