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इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सवेरा कैंसर अस्पताल में सात दिनों तक (01.02.2024 to 07.02.2024) निःशुल्क परामर्श एवं संबंधित जाँच जैसे कि मैमोग्राफी, खून जाँच कराया जायेगा। गुरुवार को अस्पताल परिसर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उक्त घोषणाएं की गई। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर सवेरा कैंसर अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक डॉ० वी० पी० सिंह ने कहा की भारत में बढ़ते कैंसर मरीज़ो की संख्या एक चिंताजनक विषय है। कैंसर सेंटर भारत में बहुत ही कम है और मरीज़ो की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बिहार में कैंसर अस्पतालों की कमी के कारण बिहार के मरीज़ो को बिहार से बाहर इलाज के लिए जाना पड़ता था। अब बिहार के मरीज़ो को अपने इलाज के लिए बाहर जाने की जरुरत नहीं है क्यूँकि जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि सवेरा कैंसर अस्पताल पिछले चार वर्षो से कैंसर मरीज़ो की सेवा में पुरे मन से जुटा हुआ है। एक छत के नीचे कैंसर कि सारी चिकित्सा पद्धति मौजूद है। इस ओर सवेरा कैंसर अस्पताल ने जरूरमंदो के लिए मुफ्त चिकित्सा परामर्श व जांच की व्यवस्था की है।
मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद पद्मश्री डॉ आर एन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कैंसर का इलाज मुख्यतः तीन प्रक्रिया से होता है , सर्जरी, कीमोथेरेपी एवं रेडियोथेरेपी। सवेरा कैंसर अस्पताल में ये तीनो सुविधाएँ उपलब्ध है। कैंसर इलाज में प्रमुख जाँच PET CT भी इस अस्पताल में उपलब्ध है। यह अस्पताल मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष, आयुष्मान भारत, सी जी एच एस एवं कई TPA से सूचीबद्ध है, जिससे गरीब मरीज़ो को इलाज में काफी मदद मिलती है।
डॉ वी पी सिंह ने मीडिया संबोधन में कहा भारत में पिछले चार वर्षो में कैंसर रोगियों की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। नैशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 के अनुसार, इस वक्त देश में कैंसर के 13.9 लाख मामले हैं। यह आंकड़ा 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच सकता है। कैंसर के कुल मामलों को देखें तो यह पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। आगे भी यही ट्रेंड बरकरार रहने का अनुमान है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नैशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फार्मैटिक्स एंड रिसर्च (NCDIR) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल कैंसर प्रभावित पुरुषों की संख्या लगभग 6.8 लाख होगी जबकि महिलाओं की संख्या 7.1 लाख रहेगा। 2025 तक पुरुषों में कैंसर के 7.6 लाख मामले तथा महिलाओं में 8.1 लाख मामले हो सकते हैं। 2025 तक कैंसर का सबसे आम रूप ब्रेस्ट कैंसर (2.4 लाख) होने का अनुमान है। इसके अलावा फेफड़ों के कैंसर के 1.1 लाख मामले तथा मुंह के कैंसर के 90 हजार मामले सामने आ सकते हैं। भारत में कैंसर के कुल मामलों का करीब 27 प्रतिशत तंबाकू जनित होने की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में कुल मामलों में 27.1% मामले (3.71 लाख) तंबाकू से संबंधित कैंसर के हैं। महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर (2 लाख) हैं, जबकि सर्विक्स कैंसर के 75 हजार केस होने का अनुमान है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं जबकि पुरुषों-महिलाओं में फेफड़ों, हेड एंड नेक के। सर्विक्स कैंसर के मामलों में गिरावट देखी गई है। फेफड़ों के अधिकतर केसेज का पता तब चलता है जब वे काफी हद तक फैल चुके होते है ।
शरीर मे कैंसर कैसे होता है ? शरीर में 100 से 1000 तक खराब सेल्स(कोशिका) होते है । हर समय हमारी बॉडी में नये सेल्स पैदा होते है और पुराने खराब सेल्स समाप्त भी होते है। पर कैंसर होने पर लाल और सफेद रक्त कोशिकायो का संतुलन बिगड़ जाता है और सेल्स की बढ़ोतरी कंट्रोल से बाहर हो जाती है, जो कैंसर का रूप ले लेता है। कैंसर होने का कारण क्या-क्या है ? नशा का सेवन करने से जैसे – खैनी, गुटखा, तंबाखू, पान मशाला, बीड़ी, सिगरेट, शराब आदि । ख़ान-पान से जैसे – ज़्यादा चर्बी वाले चीज़ो को खाने से, ज़्यादा नमक खाने से, जो खाना पचने मे ज़्यादा समय लेता है उससे, ज़्यादा समय से एक ही जगह पर बैठने से आदि । इसके अतिरिक्त मोटापा, हेपेटाइटिस बी और एच आई वी के वाइरस की वजह से भी। महिलाओ मे कैंसर के वजह – बच्चों को अपना दूध नही पिलाने से, ज़्यादा गर्व निरोधक दवा के इस्तेमाल से।मासिक धर्म के बाद अंडरआर्म या फिर ब्रैस्ट में गांठ दिखाई पड़ना, ब्रैस्ट की त्वचा में कोई भी बदलाव महसूस होना, या गड्ढा हो जाना – ये सब ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते है ।
कैंसर का लक्षण – मुँह के अंदर छाले होना, मुँह का सिकुड़ना और पूरी तरह मुँह का ना खुलना, खाना खाने चबाने, निगलने या हज़्म करने में परेशानी होना। कमर में हमेशा दर्द होना। पेशाब की आदतो मे बदलाव होना, पेशाब में ख़ून आना , लगातार खाँसी होना या आवाज़ का बैठ जाना, खांसी के दौरान ख़ून आना, ब्रेस्ट में या फिर शरीर के किसी और हिस्से में गाँठ बनना, ख़ून की कमी की बीमारी अनीमिया, प्रोस्टेट के परीक्षण के असामान्य परिणाम, मीनोपॉस के बाद ख़ून आना आदि ।
कैंसर से कैसे बचे ? पान, गुटखा, सिगरेट आदि किसी भी नशे का सेवन बिल्कुल ना करे। फल, हरी सब्जी का ज़्यादा इस्तेमाल करे।
नींबू, संतरा या मौसमी का जूस पिएं । नमक का इस्तेमाल कम करे, और रेग्युलर एक्सर्साइज़ करे।चर्बी वाले चीज़ो को बिल्कुल ना खाए।
हरी चाय(Green Tea) ले, ये कैंसर के इलाज के लिए बहुत बेहतर है।अगर आपको कैंसर है तो, दूध, दही, डेयरी प्रॉडक्ट का इस्तेमाल ना करे।
हल्दी का इस्तेमाल कैंसर के मरीज़ो के लिए बहुत लाभदायक है ।
कैंसर की श्रेणी में सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए एक वैक्सीन बाजार में उपलब्ध है और यह तीन डोज के रूप में पहले से छ्टे महीने के अंदर दिया जा सकता है ।
इस अवसर पर अस्पताल में डॉ० वी० पी० सिंह के अतिरिक्त डॉ आकाश कुमार सिंह , डॉ विशाल मोहन सिंह , डॉ अविनाश पांडेय, डॉ अनीता कुमारी , डॉ अमृता राकेश, डॉ नीता झा, डॉ आर के सक्सेना, डॉ शमीउल्लाह, डॉ विवेक पांडेय, डॉ हिमांशु प्रकाश,डॉ सरकार,डॉ इरम,डॉ संजय,डॉ अरुण,डॉ चंदन इत्यादि मौजूद थे।
धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कार्यक्रम के मुख्य मार्ग दर्शक पद्मश्री डॉ० आर एन सिंह ने सभी चिकत्सकों , शिविर में आए मरीज़ों का और खास कर के मिडिया के सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया और साथ ही कार्यक्रम के समापन की भी घोषणा की।
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