Global media Update tech Update & Automobile Life Style & Entertainment
बिहार की पारंपरिक कला-संस्कृति को बढ़ावा दे रही है राज्य सरकार : विजय कुमार चौधरी
पटना, 24 फरवरी 2024
“सुजनी कला बिहार और खासकर मिथिला में प्राचीन काल से प्रचलित एक प्रमुख कला शैली है, जिसमें महिलाओं की कला प्रतिभा की जीवंत अभिव्यक्ति देखने को मिलती है। माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की पारंपरिक कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।” उक्त बातें बिहार के जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने ललित कला अकादमी, पटना में सुजनी कला की प्रदर्शनी ‘सीबई सजइबई साथे साथ’ का उद्घाटन करते हुए कहीं।
कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के सौजन्य से स्वस्ति सेवा समिति, केवटा (समस्तीपुर) द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी 24 से 29 फरवरी तक चलेगी।
उक्त अवसर पर संबोधित करते हुए माननीय मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हम आधुनिक तकनीक को जरूर अपनाएं और उसमें आगे बढ़ें परंतु हमारी जो पुरानी विरासत, हस्तकला और हस्तशिल्पें हैं, वह भी हमारे समाज की सदियों से पहचान रही है, उन्हें संरक्षित रखना हमारी जिम्मेवारी है। सुजनी बनाने की कला में बिहार के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं काफी निपुण रही हैं। इस कला को प्रोत्साहित करने के लिए कला संस्कृति एवं युवा विभाग तथा स्वस्ति सेवा समिति के तत्वावधान में सुजनी कला की प्रदर्शनी का आयोजन एक अनूठा प्रयास है, इससे शहर के लोगों में भी इस उत्पाद के प्रति रुझान बढ़ेगा।
स्वस्ति सेवा समिति द्वारा सुजनी कला से जुड़ी महिलाओं द्वारा उत्पादित सामग्रियों के विपणन एवं उन्हें पहचान दिलाने के लिए किये जा रहे प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं। इस कला प्रदर्शनी में महिलाओं की जो लग्नशीलता और तन्मयता दिखती है, वह निश्चित रूप से काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उत्पाद नहीं है, बल्कि इसमें महिलाओं की कला के साथ-साथ उनकी भावनाओं और ममता का भी प्रदर्शन है। उन्होंने बताया कि सुजनी आम जन-जीवन के लिए काफी उपयोगी तथा आरामदायक होता है। बिहार की पारंपरिक कला-संस्कृति, ग्रामीण हस्तकला और हस्तशिल्पों को बढ़ावा देना और मदद करना सरकार की नीतियों में शामिल है। स्वस्ति सेवा समिति भी इस दिशा में सकारात्मक रूप से प्रयासरत है। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से निश्चित रूप से इस कला से जुड़ी महिलाओं का संबल बढ़ेगा एवं उन्हें राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के सौजन्य से इस तरह की प्रदर्शनी के आयोजन से सुजनी कला को नये कला संदर्भों से जोड़ते हुए इसे जीवंत एवं प्रासंगिक बनाये रखने तथा इससे जुड़ी महिलाओं के जीवन में आर्थिक बदलाव लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मिथिला में कला-संस्कृति की एक समृद्ध परंपरा रही है। मिथिला की कला-संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सौराठ (मधुबनी) में मिथिला चित्रकला संस्थान और मिथिला ललित कला संग्रहालय की स्थापना हुई है, जहां मिथिला के युवा अपनी कला-संस्कृति का औपचारिक प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं।
इस अवसर पर स्वस्ति सेवा समिति के अध्यक्ष श्री उज्जवल चौधरी, श्रीमती अनीता चौधरी, इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज, दिल्ली की प्रोफेसर डॉ0 विनीता सिंह, कॉलेज ऑफ़ आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स के प्रिंसिपल डॉ0 अजय पांडे, मिथिला चित्रकला संस्थान सौराठ (मधुबनी) से आयी डॉ0 रानी झा सहित सुजनी एंब्रॉयडरी से जुड़ी कई महिलाएं एवं काफी संख्या में कला प्रेमी दर्शक उपस्थित थे।
Auto Amazon Links: No products found.