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पटना, 04 मार्च 2024:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सम्राट
अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में बिहार जलवायु
सम्मेलन एवं प्रदर्शनी का फीता काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर
उद्घाटन किया।
उल्लेखनीय है कि बिहार एक आपदा प्रवण राज्य है और जलवायु
परिवर्तन के कारण विगत कुछ दशकों से बाढ़, सुखाड़, आकाशीय
विद्युत जैसी आपदाओं की तीव्रता और आवृत्ति में बढ़ोतरी
हुई है। इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन शमन
एवं अनुकूलन की दिशा में अनेक कदम उठाये गये हैं जिनमें
‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ एवं जलवायु अनुकूल कृषि कार्य
प्रमुख हैं। बिहार, देश का पहला राज्य है जहाँ जलवायु परिवर्तन के
खतरों से निपटने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा
है।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण
के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। जल-जीवन-हरियाली
जागरूकता अभियान के अंतर्गत 19 जनवरी, 2020 को राज्य में 18 हजार
किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनी जिसमें 5 करोड़ 16
लाख से अधिक लोगों ने भाग लेकर पर्यावरण के संरक्षण और
नशामुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा मिटाने
के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। पर्यावरण संरक्षण के समर्थन में बनी
यह ऐतिहासिक मानव श्रृंखला विष्व में किसी भी मुद्दे पर बनी, अब तक
की सबसे लंबी मानव श्रृंखला है। इसके माध्यम से बिहार की जनता ने न
सिर्फ देश को बल्कि पूरे विष्व को पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का
संदेश दिया है। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी, अमेरिका के संस्थापक श्री बिल
गेट्स द्वारा जल-जीवन-हरियाली जागरूकता अभियान की सराहना की गई
है।
श्री बिल गेट्स ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन जैसे विषय तो
दुनिया के पश्चिमी देशों के स्तर पर चर्चा का विषय है, परन्तु बिहार
में जलवायु परिवर्तन के लिए इस प्रकार का जागरूकता अभियान सराहनीय
है। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को 24 सितम्बर, 2020 को संयुक्त
राष्ट्र के उच्चस्तरीय जलवायु परिवर्तन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में कई
देशों के प्रधानमंत्री एवं प्रमुख नेताओं के समक्ष अपनी बात
रखने का मौका मिला था जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के
लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान को दुनिया के लिए बेहतरीन
उदाहरण बताया था।
इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन
विभाग सहित परिवहन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, कृषि
विभाग, ऊर्जा विभाग, उद्योग विभाग, तकनीकी संस्थान,
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं डब्ल्यू0आर0आई0 इंडिया,
यू0एन0ई0पी0, शक्ति सस्टेनेबुल एनर्जी फाउंडेशन जैसे सहयोगी
संस्थानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान ‘बिहार राज्य की जलवायु अनुकूल एवं
न्यून-कार्बन प्रारूप रणनीति के प्रभावी क्रियान्वयन’ के ड्राफ्ट प्रति
का मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया।
इस सम्मेलन का उद्देश्य विशेषज्ञों, हितधारकों
एवं नीति निर्माताओं को एक साथ लाना एवं बिहार राज्य के लिए
जलवायु रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना है। साथ ही जलवायु
परिवर्तन के दुष्प्रभावों एवं इससे बचने के उपायों के बारे में
विचार-विमर्श करना है। आनेवाले वर्षों में राज्य को जलवायु
अनुकूल एवं कार्बन न्यूट्रल बनाने की पहल की गई है, इस
दृष्टिकोण को साकार करने के लिये बिहार जलवायु सम्मेलन आयोजित
किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बिहार जलवायु प्रदर्शनी में लगाए
गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया और विस्तृत जानकारी ली।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय डॉल्फिन रिसर्च सेंटर,
पटना का रिमोट के माध्यम से शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया।
साथ ही मुंगेर वानिकी महाविद्यालय का ‘बिहार वानिकी महाविद्यालय
एवं शोध संस्थान’ के रूप में उन्नयन एवं नामकरण किया।
मुख्यमंत्री ने 108 करोड़ 33 लाख रुपये लागत की पार्क, ईको
टूरिज्म, भू-जल संरक्षण एवं आधारभूत संरचना विकास की 26
योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा पूर्णिया और भागलपुर
में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों का
उद्घाटन तथा ‘बिहार की जलवायु अनुकूल एवं न्यून कार्बन
प्रारूप’ रणनीति का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को
वायु की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए डैशबोर्ड का भी
शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम के दौरान जलवायु कार्य हेतु
बिहार घोषणा पत्र जारी किया गया।
कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव
श्रीमती बंदना प्रेयषी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका
स्वागत किया।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चैधरी, उप मुख्यमंत्री
श्री विजय कुमार सिन्हा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ0
प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, मुख्यमंत्री के
प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ0 एस0
सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, पर्यावरण, वन एवं
जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयषी, मुख्यमंत्री
के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, बिहार राज्य प्रदूषण
नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष श्री डॉ0 डी0के0 शुक्ला, प्रधान मुख्य वन
संरक्षक श्री आशुतोष सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति
उपस्थित थे।