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संस्था द आर्ट मेकर द्वारा मनेजर साहब की स्मृति में राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव 2024 में दूसरे दिन मुख्य मंच पर आशीष पाठक द्वारा निर्देशित एवम स्वाति दुबे द्वारा निर्देशित नाटक “भूमि” का मंचन दिनांक:-13-03-2024 को प्रेमचंद रंगशाला, राजेंद्र नगर, पटना में किया गया। आज के मुख्य अतिथि के रूप में विधान सभा अध्यक्ष माननीय नंद किशोर यादव, मनीषा सिन्हा संरक्षक द आर्ट मेकर, रंग निर्देशक श्री संजय उपाध्याय जी भी मौजूद थें।
साथ ही मंच नाटक शुरू होने के पूर्व प्रेमचंद रंगशाला के प्रांगण में शाम 5:30 न्यू स्वर आंगन का लोक गायन बिपिन कुमार और विजय कुमार झा द्वारा किया गया।
कथासार
नाटक ‘भूमि’ महाभारत के वनपर्व की पृष्ठभूमि पर अर्जुन चित्रांगदा की कथा परआधारित है । अर्जुन – चित्रांगदा की कथा प्रचलित होते हुए भी बहुश्रुत नहीं है । कथा प्रभंजन से शुरू होकर अंत में अर्जुन-चित्रांगदा के जीवन से होते हुए ऐसे प्रश्न पर जाकर खड़ी हो जाती है जहां चरित्र मिथक होते हुए भी आधुनिक स्त्री-पुरुष हो जाते हैं और उनके प्रश्न हो जाते हैं |
जहां चित्रांगदा संपूर्ण नारी जाति का प्रतिनिधित्व करती है, तो अर्जुन संपूर्ण नर जातिका | भू-स्वामी बनने की चाह हर मनुष्य की होती है। वो जीवन भर इस प्रयास में रहता है, और जब ये चाह लालच में बदल जाती है तब महाभारत भी उसे पूरा नहीं कर पाती । इतने युद्धों से हो कर भी मनुष्य आज भी भूमि के वर्चस्व के लिए लड़ रहा है। पर स्त्री कोई भूमि नहीं। ऐसा क्या है कि आदमी ने इतिहास से कुछ नहीं सीखा यही खोज हमें मिथकों तक ले जाती है । ‘भूमि’ की भूमि भी यही है जिस पर जाना पहचाना लेकिन असफल प्रेम गीत है, जिसका निर्णय आने वाले पीढ़ी पर छोड़ दिया है, जिसका प्रतिनिधित्व बब्रुवाहन करता है ।
पत्रपरिचय
चित्रांगदा : स्वाति दुबे
अर्जुन : हिमांशु तिवारी
बबरुवाहन : वंदिता सेठी
प्रभंजन शिवकर सपरा
महारानी सृष्टि पोगड़े
शिव : उत्सव हंडे
आदि . . .
लेखक : आशीष पाठक
निर्देशक : स्वाति दुबे